JNU परिसर के परिष्कार की जरूरत

JNU परिसर के परिष्कार की जरूरत

नई दिल्ली। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी अर्थात जेएनयू को लेकर एक बार फिर चर्चा हो रही है। यह विषय उसके नाम बदलने को लेकर है। जेएनयू परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा लगायी गयी है। इस पर किसी को आपत्ति नहीं हुई। होना भी नहीं चाहिए, क्योंकि स्वामी विवेकानंद हमारे आदर्श हैं। उनके जीवन से छात्र-छात्राओं को शिक्षा लेनी चाहिए।

विवाद तब शुरू हुआ जब यह कहा गया कि जेएनयू का नाम बदलकर इसे स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय कर दिया जाना चाहिए। विरोध स्वाभाविक था क्योंकि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू सिर्फ कांग्रेस के नेता नहीं थे, इस देश की जनता भी उनका सम्मान करती है। उनके जन्म दिवस (14 नवम्बर) को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसलिए जेएनयू का नाम बदलने पर लोगों को आपत्ति है। इसी के साथ जेएनयू परिसर में बोलने की आजादी के नाम पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाये गये। कश्मीर के टुकड़े करने वालों का समर्थन किया गया। इसका तो सभी ने विरोध किया और तब ऐसा लगा कि जेएनयू के परिसर के परिष्कृति की जरूरत है। इसी विश्वविद्यालय की एक छात्रा को लेकर उसके पिता ने जिस तरह की बात कही है, उससे तो इस विश्व विख्यात शैक्षिक संस्था के वातावरण को सुधारने की अपरिहार्यता नजर आ रही है। छात्रा के पिता अब्दुल रशीद ने बेटी शेहला पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह कुछ भी नहीं कर रही है तो उसके पास एनजीओ चलाने के लिए पैसा कहां से आ रहा है? उन्होने यहां तक कहा कि सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पूर्व छात्रा शेहला रशीद के पिता अब्दुल रशीद सोरा ने जम्मू में प्रेस कॉफ्रेंस करके कई बडे़ आरोप लगाए। शेहला के पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी पैसे लेकर एजेंडा चलाती है। इसके साथ ही रशीद ने शेहला की शादी के प्रस्ताव और उनके राजनीति में पदार्पण को लेकर कई खुलासे किए। रशीद ने कहा कि मेरी बेटी पहले सीपीआई की राष्ट्रीय राजनीति में थी और उसे मेरठ से टिकट भी दिया जाने वाला था।

उन्होंने बताया कि शेहला मेरठ के एक लड़के से शादी भी करने वाली थीं लेकिन इसके लिए उन्होंने रजामंदी नहीं दी थी। इसके बाद 2017 से वह कश्मीर की राजनीति में आ गईं। रशीद ने कहा कि उन्हें तीन करोड़ का पैकेज भी ऑफर किया गया था। उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की खबर मिली थी कि ये फंडिंग किसी विदेशी एजेंसी से हो रही थी। जिसके बाद उन्होंने इस बारे में पता लगाने की कोशिश की। अब्दुल रशीद ने जानकारी दी कि इसकी सारी प्लानिंग अमेरिका में होती है। उन्होंने बताया कि इसमें जहूर बटाली, पीरजादा और पूर्व आईएएस शाह फैसल शामिल हैं। रशीद ने कहा कि शाह फैसल दो साल की लीव पर अमेरिका पढ़ाई के लिए गए थे और वहीं पर पार्टी को लेकर सारी योजना बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि पार्टी का गठन भी वहीं से हुआ था। पिता रशीद ने कहा शेहला ऐसे चंगुल में फंसती चली गयी गई।

शेहला रशीद के पिता ने टेरर फडिंग और हवाला फंडिंग के बारे में कहा है कि जहूर बटाली ने मुझे घर बुलाकर कहा कि हमने नई पार्टी बनाई है जिसके लिए हमने शेहला के लिए तीन करोड़ रुपए रखे हैं। मैंने कहा कि मैं बेटी से बात करूंगा। रशीद ने कहा कि फिर मैंने शेहला को पूरी कहानी बताई। रशीद ने कहा कि इस पर शेहला ने उन्हें चुप कराके कहा कि उसे सब पता है। रशीद ने कहा कि मैंने बेटी से कहा कि इस चंगुल से बाहर निकलो। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार शेहला को इस बारे में समझाया लेकिन अल्टीमेटली 2017 से 2020 तक मामला बढ़ता गया और लोग मुझे धमकाने लगे।

रशीद ने कहा कि अब जहूर बटाली और रशीद इंजीनियर एनआईए की कस्टडी में है। उन्होंने कहा कि पार्टी की लॉन्चिंग में मैं गया था। उन्होंने कहा कि लेकिन उसमें मुझे बताया गया कि सब कुछ प्रैक्टिली शेप ले रहा है।

रशीद ने कहा कि मैंने बार-बार शेहला को टोका और कहा कि आप भाजपा और आरएसएस के खिलाफ बोलती हो लेकिन वह बोली आप चुप रहो मुझे जो करना है मैं वही कर रही हूं। रशीद ने कहा कि पहले शेहला के नेशनल कॉफ्रेंस को ज्वाइन करने की अफवाह थी तब उसने ये कह कर मना कर दिया कि ये कातिलों की पार्टी है। शेहला के पिता ने कहा कि फंडिंग की जांच होनी चाहिए कि पैसा कहां से आ रहा है कि वह कैसे एनजीओ चला रही है और बच्चों को कैसे रखा जा रहा है।

कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद के नाम पर करने से जुड़ी एक भाजपा नेता की मांग पर कहा था कि इस संस्थान का नाम बदलने के बजाय स्वामी विवेकानंद के नाम पर दिल्ली में इससे भी बेहतर विश्वविद्यालय बनाना चाहिए। भाजपा महासचिव सीटी रवि ने जेएनयू का नाम स्वामी विवेकानंद के नाम पर करने की मांग की है। उनकी इस मांग के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने संवाददाताओं से कहा, नाम बदलने की राजनीति में हम कभी भी विश्वास नहीं रखते हैं और एक व्यक्ति का नाम बदल कर दूसरे व्यक्ति के नाम पर रखने से मैं समझता हूं कि कोई व्यक्ति छोटा नहीं होता है और कोई व्यक्ति बड़ा नहीं होता है।' उन्होंने कहा, किसी एक विश्वविद्यालय का नाम बदलकर आप कोई विकास का काम तो नहीं कर रहे हैं। विवेकानंद जी का हम सब सम्मान करते हैं। मैं खुद बचपन से उनका बहुत बड़ा अनुयायी रहा हूं। उनके नाम पर नया विश्वविद्यालय बनाएं, जेएनयू से बेहतर बनाएं, वो होना चाहिए।

इस प्रकार नाम बदलने का विवाद टाल दिया गया लेकिन शहला के पिता के आरोप और जानकारियों को टाला नहीं जा सकता है। जेएनयू की पूर्व छात्रनेता (उपाध्यक्ष) शेहला राशिद पर उनके पिता अब्दुल राशिद शोरा ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। शेहला के पिता ने दावा किया है कि उनकी बेटी देश की अखंडता और संप्रभुता को नष्ट करने वाली गतिविधियों में शामिल है। उन्होंने अपने लिए तुरंत सिक्योरिटी कवर की मांग करते हुए जम्मू-कश्मीर डीजीपी को एक लेटर भी लिखा है। शेहला के पिता ने जानकारी दी है कि उसके घर में करोड़ो रुपए के ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। पिछले दिनों अचानक उनके घर में 3 करोड़ कैश आया। जिसके बारे में पूछने पर शेहला ने अपने पिता को ही जान से मारने की धमकी दे डाली। यह किसी गंभीर साजिश का संकेत हो सकता है और इसका संबंध जेएनयू से भी है। यह तो कहा ही जा सकता है कि शेहला रशीद ने जेएनयू में अन्य विषयों के साथ देश के प्रति कथित गद्दारी का पाठ जेएनयू परिसर में ही सीखा। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद की बातें और क्रियाकलाप पहले से संदेह के घेरे में थे लेकिन अब उनके ही पिता ने इन आशंकाओं को सही साबित कर दिया है।

शेहला रशीद के पिता ने जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखकर अपनी बेटी पर संगीन आरोप लगाए हैं। शेहला के पिता ने दावा किया है कि उनकी बेटी देश की अखंडता और संप्रभुता को नष्ट करने वाली गतिविधियों में शामिल है। यह किसी गंभीर साजिश का संकेत हो सकता है। (हिफी)

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