पटाखों के धुएं से जींद का वातावरण हुआ जहरीला

पटाखों के धुएं से जींद का वातावरण हुआ जहरीला

जींद। पटाखों पर शासन की रोक के बावजूद हरियाणा के जींद में दिवाली पर की गई आतिशबाजी से वातावरण जहरीला हो गया है।

दीवाली पर्व पर पटाखे छोड़े जाने के कारण आसमान में धुएं की मोटी चादर बन गई और इससे हवा में प्रदूषण का स्तर पीएम-2.5 अधिकतम 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर पहुंच गया है। प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो चुके जींद में बुधवार रात छोटी दीवाली से ही आतिशबाजी की शुरुआत हो गई। कल आज आज भी आसमान में धुआं छाया रहा। कई इलाकों में बुजुर्गों और बच्चों ने सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की।

बुधवार को छोटी दीवाली पर दिन में दो बजे प्रदूषण स्तर 253 था। रात 7 बजे ही पटाखे बजने शुरू हो गए थे और 8 बजे प्रदूषण स्तर 278 पहुंच गया जबकि रात 11 बजे पीएम-2.5 का स्तर 404 और पीएम-10 का स्तर 445 दर्ज किया गया। दीवाली के दिन वीरवार सुबह 6 बजे पीएम 2.5 अधिकतम 500 और पीएम-10 का स्तर 445 दर्ज किया गया। दीवाली रात 12 बजे प्रदूषण स्तर 500 दर्ज किया गया।

पटाखों की बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध के बावजूद पटाखों की खूब बिक्री हुई। हालांकि जिला उपायुक्त नरेश नरवाल ने जिले में पटाखों की बिक्री व इस्तेमाल को रोकने के लिए उपमंडल स्तर पर जींद, उचाना, सफीदों, नरवाना में एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटियां गठित की थीं।

नरवाल ने संपर्क करने पर दावा किया कि खुलेआम कहीं पटाखे नहीं बिके हैं। उन्होंने बताया कि जहां से भी 'गुप्त रूप से' पटाखे बेचने की सूचना मिली, पुलिस प्रशासन की टीम ने छापेमारी करके उनको पकड़ा है। उन्होंने कहा कि जिलेभर में कितने लोगों को पकड़ा गया है इसकी रिपोर्ट तैयार करवा रहे हैं।

नागरिक अस्पताल के डिप्टी सीएमओ डा. राजेश भोला ने कहा कि सांस व एलर्जी के मरीजों को ऐसे माहौल में अपना विशेष ध्यान रखने की जरूरत है और ऐसे मरीज खुले में आकर सांस न लें और अपना विशेष ध्यान रखें।

दूसरी तरफ, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेश गढ़िया ने कहा कि दीवाली की रात पटाखों पर प्रतिबंध लगाने में प्रशासन फेल रहा और दिवाली पर जमकर हुई आतिशबाजी से प्रदेश में प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच गया।




वार्ता

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