गड्ढों में किसानों ने ली समाधि-प्रशासन ने मिट्टी डालकर दफनाया-जमकर हंगामा

गड्ढों में किसानों ने ली समाधि-प्रशासन ने मिट्टी डालकर दफनाया-जमकर हंगामा



गाजियाबाद। मंडोला आवास विकास कार्यालय के सामने मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर गड्ढों में समाधि लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर प्रशासन ने जेसीबी की सहायता से मिटटी डलवा दी और उन्हें जिंदा ही दफन करवा दिया। प्रशासन की इस कार्यवाही को लेकर किसानों ने जमकर हंगामा।


जनपद गाजियाबाद के लोनी में ट्रॉनिका सिटी मंडोला आवास विकास कार्यालय के सामने मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि शनिवार की रात तकरीबन 2.00 बजे प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ जेसीबी लेकर मौके पर पहुंचा और वहां पर गड्ढे भरवाने शुरू कर दिए। इस दौरान गड्ढों में सो रहे किसानों के ऊपर जेसीबी की सहायता से मिट्टी डाल दी गई। इसी बीच गडढों के भीतर किसानों को जिंदा दफनाता हुआ देखकर वहां पर अन्य किसान पहुंच गए। जिन्होंने प्रशासन की इस कार्यवाही का जमकर विरोध किया। उल्लेखनीय है कि पिछले तकरीबन 5 साल से मंडोला समेत छह गांवों के किसान मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इसी बुधवार को किसानों ने विरोध प्रदर्शन का अनूठा तरीका अपनाया और 17 किसान समाधि लेने के लिए वहां पर खोदे गए गड्ढों में उतर गए। किसानों ने आवास विकास कार्यालय के सामने ही यह गड्ढे खोदे थे। किसानों से वार्ता करने पहुंचे अधिकारियों ने 6 किसानों को नोटिस दिए थे। लेकिन किसानों ने अधिकारियों के गाजियाबाद चलकर डीएम से वार्ता करने के आश्वासन को ठुकरा दिया था। किसान नेता नीरज त्यागी ने बताया है कि 10 दिन पूर्व किसानों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एसडीएम लोनी शुभांगी शुक्ला को ज्ञापन सौंपकर मांगे पूरी करने की चेतावनी दी गई थी। किसानों ने कहा था कि यदि 14 सितंबर तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह जीवित ही समाधि ले लेंगे। मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों से समाधि नहीं लेने को लेकर बैठक की थी। लेकिन किसानों ने बैठक के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। बुधवार की सवेरे किसानों ने आवास विकास कार्यालय के सामने 17 गडढे समाधि लेने के लिए खोद दिए थे। किसान नेता मनवीर तेवतिया के नेतृत्व में 17 किसानों ने गड्ढों में उतरकर समाधि ले ली थी। उसी दिन से किसान गडढों के भीतर लेटकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है।



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