विकास के पर्याय बन रहे राजमार्ग

विकास के पर्याय बन रहे राजमार्ग

नई दिल्ली। भारत दुनिया में राजमार्ग निर्माण में सबसे तीव्र गति से विकास वाला देश बन गया है और यहां हर रोज औसतन 27 किमी राजमार्गों का निर्माण हो रहा है। मोदी राज में देश में प्रतिदिन 34 किलोमीटर लंबे राजमार्ग बन रहे हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2020-21 में 22 मार्च तक 12,205 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण करके एक और मील का पत्थर हासिल किया है। यह तय लक्ष्य 11,000 किमी से 1,205 किमी अधिक है।

देश में राजमार्ग कामकाज के अभिन्न अंग हैं। इससे लोगों और सामानों की पहुंच आसान हुई है। भारतीय सड़क नेटवर्क के तेजी से विस्तार और बदलाव ने यह सुनिश्चित किया है कि भारत दुनिया में सबसे अच्छे मानकों तक पहुंचने के लिए ट्रैक पर है।

देश में करीब 60 प्रतिशत ढुलाई सड़क और राजमार्ग प्रणाली के माध्यम से होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की बागडोर थामने के साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बनाने का बीड़ा उठा लिया था। सड़क, हाईवे, रेलवे, वाटर वे और एयरपोर्ट से जुड़ी परियोजनाओं से लेकर आवास योजना तक में उनकी सरकार ने जो तेजी दिखाई है, वह एक सक्षम और समर्थ भारत का भरोसा देती है। आधारभूत ढांचा क्षेत्र को किसी भी देश के विकास की 'रीढ़' है। भारत अगले आठ वर्षों में 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होने की आकांक्षा रखता है। अगली पीढ़ी को बुनियादी ढांचा देने के रास्ते पर अग्रसर है चाहे सड़क हो, रेलवे, बंदरगाह, हवाई अड्डे, शहरी परिवहन, गैस और बिजली का संचरण तथा अंतर्देशीय जलमार्ग का क्षेत्र हो।

मोदी सरकार के पिछले आठ साल में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में डेढ़ गुना बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 2013-14 में जहां 91,287 किलोमीटर थी, वो 2020-21 में बढ़कर 1,41,345 किलोमीटर हो गई। राष्ट्रीय राजमार्गों के प्रतिदिन विस्तार में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। 2013-14 में प्रति दिन 12 किमी नेशनल हाईवे का निर्माण होता था, वहीं 2020-21 में 37 किमी प्रतिदिन होने लगा। यूपीए सरकार की तुलना में सड़क निर्माण में तीन गुना वृद्धि हुई है।

जहां देशभर में एक्सप्रेसवे के निर्माण में तेजी आई है, वहीं बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर अभूतपूर्व काम हुआ है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के 7 जनपदों को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की सौगात मिली। प्रधानमंत्री मोदी जुलाई माह में इसका उद्घाटन करने के लिए जालौन आए थे। 296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे चित्रकूट के गोंडा गांव के पास झांसी-मिर्जापुर हाईवे से शुरू होकर इटावा के कुदरैल में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे से जुड़ता है। मालूम हो कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की कार्ययोजना 27 माह की थी लेकिन यह 16 माह में ही बन गया। यह इतने कम समय में बनने वाला पहला एक्सप्रेस वे है।

इसके साथ ही भारत दुनिया में राजमार्ग निर्माण में सबसे तीव्र गति से विकास वाला देश बन गया है और यहां हर रोज औसतन 27 किमी राजमार्गों का निर्माण हो रहा है। मोदी राज में देश में प्रतिदिन 34 किलोमीटर लंबे राजमार्ग बन रहे हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2020-21 में 22 मार्च तक 12,205 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण करके एक और मील का पत्थर हासिल किया है। यह तय लक्ष्य 11,000 किमी से 1,205 किमी अधिक है।

नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्रित्काल में हाईवे, एक्सप्रेस-वे, रेलवे की योजनाएं जिस तूफानी रफ्तार से चल रही हैं उससे दुनिया के बड़े-बड़े देश भी हैरान हैं। हाईवे और रेलवे नेटवर्क के विस्तार में क्रांतिकारी काम हुआ है। एक्सप्रेस वे के दैनिक निर्माण में विश्व रिकॉर्ड बन रहा है। बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटी इंडिया की एक रिपोर्ट में नेशनल हाईवे और रेलवे लाइन के निर्माण और विस्तार के बारे में जो आंकड़े दिए गए हैं, वो विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ते भारत के उज्ज्वल भविष्य और मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1950 से 2015 के बीच यानी 65 साल में जितने नेशनल हाईवे और रेलवे लाइन के निर्माण हुए, उससे ज्यादा 2025 में खत्म होने जा रहे दशक के दौरान बनकर तैयार हो जाएंगे।

नेशनल हाईवे के निर्माण में देश की रणनीति को भी ध्यान ने रखा गया है। कई नेशनल हाईवे को इस तरह बनाया गया है ताकि किसी इमरजेंसी में फाइटर जेट को उतारा और लैंड कराया जा सके। राजस्थान में भारत-पाकिस्तान की इंटरनेशनल बॉर्डर से 40 किलोमीटर भारतीय इलाके में 'भारतमाला परियोजना' के तहत एक ऐसा हाईवे तैयार किया गया है, जहां से लड़ाकू विमानों का ऑपरेशन किया जा सकेगा। इससे पहले उत्तर प्रदेश में ऐसे हाइवे बनाए गए हैं। एक्सप्रेसवे को भी विमान उतरने और उड़ने के लिए बनाया गया है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री मोदी हरक्यूलिस विमान से गए थे। इस एक्सप्रेसवे पर सुखोई-मिराज लड़ाकू विमानों ने अभ्यास किया था।

देश को विकास की नई बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के तेजी से विस्तार किए जाने की जरूरत है। देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के जरिए लगभग 70 फीसद माल और 90 फीसद यात्री यातायात होता है। इससे कारोबार, स्टार्टअप और उद्योगों को फलने फूलने का मौका मिलता है। सरकार सड़क परियोजनाओं के लिए धन जुटाने को लेकर अगले महीने पूंजी बाजार का रुख कर सकती है। केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत भारत सड़कों, राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का एक मजबूत नेटवर्क तैयार कर रहा है। भारत में 2025 तक 26 ग्रीन एक्सप्रेस वे बनाने का लक्ष्य है। (हिफी)

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