किसान आंदोलन-प्रशासन डाल-डाल तो किसान पात-पात

किसान आंदोलन-प्रशासन डाल-डाल तो किसान पात-पात

गाजियबाद। राजधानी दिल्ली में 72 वें गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद सरकार की ओर से बृहस्पतिवार को की गई किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिशों के तहत गाजीपुर बॉर्डर के धरनास्थल पर टैंट हटाकर बिजली-पानी तक काट दिए गए थे। इसके बाद भी किसान अपने आंदोलन से टस से मस नहीं हुए और उन्होंने इसका तोड़ निकालते हुए धरनास्थल पर बिजली की व्यवस्था करने के लिए सोलर पैनल और सोलर इन्वर्टर लगाने शुरू कर दिए हैं। इतना ही नही किसानों ने मोबाइल फोन चार्ज करने लिए कई स्थानों पर चार्जिंग प्वॉइंट भी बना दिये हैं।


भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत द्वारा बृहस्पतिवार को की गई भावुक अपील के बाद यूपी गेट के गाजीपुर बार्डर की रौनक लौट आई है और धरनास्थल पर एक बार फिर से किसानों की संख्या बढ़ने लगी है। 26 जनवरी के बाद ऐसा लग रहा था कि अब किसानों का आंदोलन लगभग समाप्त हो गया है, लेकिन बृहस्पतिवार की देर शाम गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत का रोते हुए भावुक अपील का वीडियो देश के विभिन्न टीवी चैनलों पर चलने के बाद तेजी के साथ माहौल बदल गया और किसानों का फिर से धरनास्थलों पर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है।

गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के समर्थक किसानों का जमावडा बढ़ने लगा है। जिसके चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मुराबादाबाद एवं बुलंदशहर आदि जनपदों से किसान भारी संख्या में इस आंदोलन में शामिल होने के लिए गाजीपुर बाॅर्डर पर पहुंचे हैं। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै.राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान और कार्यकर्ता पिछले साल 28 नवंबर से लगातार यहां पर धरने पर बैठे हैं।

दूसरी तरफ गाजीपुर बॉर्डर पर अब भी काफी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है और वह हालात पर नजर बनाए रखने के लिए लगातार ड्रोन कैमरों से निगरानी कर रही है। पुलिस का कहना है कि कोई आपराधिक तत्व आंदोलन में शामिल होकर माहौल न बिगाड़ दे, उस संभावना को समाप्त करने के लिए चौकसी बरती जा रही है।



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