आखिर कब तक?

आखिर कब तक?

लखनऊ। 4 सितम्बर को यूपी के हाथरस में चार युवकों द्वारा गैंगरेप के बाद युवती का गला दबाकर उसकी हत्या का प्रयास किया गया था, जिसमें युवती की गर्दन की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। शुरुआती इलाज के बाद युवती को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां युवती की स्थिति इतनी दयनीय थी कि वो अपने साथ घटित दरिंदगी को बड़ी मुश्किल से बयां कर सकी।

हाथरस गैंगरेप कांड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है यह जानकारी सीएम योगी ने ट्वीट करके दी। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। इस मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एसआईटी का गठन भी कर दिया है। हाथरस की दलित बिटिया के साथ जो हुआ उससे ज्यादा भयानक, खौफनाक और हैवानियत भरा कुछ नहीं हो सकता लेकिन इस बेहद मुश्किल घड़ी में जरूरत थी परिवारवालों के कभी न भरने वाले जख्म पर मरहम लगाने की, लेकिन यूपी पुलिस ने ऐसा बर्ताव कर दिया जो अपार पीड़ा झेल रहे घरवालों के जख्मों पर नमक लगा गया।

30 सितंबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में दलित लड़की के गैंगेरप और मर्डर मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। यह एसआईटी पूरे मामले की जांच करके 7 दिन में अपनी रिपोर्ट शासन में जमा करेगी। जानकारी के मुताबिक इस एसआईटी का अध्यक्ष सचिव गृह भगवान स्वरूप को बनाया गया है जबकि पुलिस उपमहानिरीक्षक चंद्रप्रकाश और आगरा में पीएसी की सेनानायक पूनम इसके सदस्य होंगे। यह एसआईटी मौके पर जाकर पीड़ित परिवार वालों से बात करके उनके बयान दर्ज करेगी। साथ ही मामले से जुड़े पुलिसवालों के बयान दर्ज कर घटना का कारण और कार्रवाई का विवरण इकट्ठा कर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। त्वरित न्याय सुनिश्चित करने हेतु इस प्रकरण का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा। वहीं बिना परिवार की इजाजत दलित लड़की का अंतिम संस्कार करने के मामले में हाथरस पुलिस ने सफाई दी है। अपने ट्वीट में हाथरस पुलिस ने कहा कि यह असत्य खबर फैलायी जा रही है कि थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत दुर्भाग्यपूर्ण घटित घटना में मृतका के शव का अन्तिम संस्कार बिना परिजनों की अनुमति के पुलिस ने जबरन रात में करा दिया। हम इसका खंडन करते हैं। गौरतलब है कि हाथरस में चंदपा की दुष्कर्म पीड़िता का उसके गांव 29 सितंबर की रात में कड़ी सुरक्षा में अंतिम संस्कार कर दिया गया। घरवाले गुहार लगाते रहे। वो भीख मांगते रहे कि 15 मिनट के लिए बेटी के आखिरी दर्शन कर लेने दिए जाएं, लेकिन पहले से ही आरोपों में घिरी पुलिस को ये कतई मंजूर नहीं हुआ। एसपी-डीएम लड़की के बेबस पिता को अंतिम संस्कार के लिए समझाते रहे। घरवालों की तो बस इतनी सी इच्छा थी कि वो अपनी बेटी का रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करें। परिजन शव को अपने घर लेकर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस अपनी जिद से टस से मस नहीं हुई। लड़की की मां ने कहा कि हम अपनी बच्ची की विदाई करना चाहते हैं। हल्दी लगानी होती है तभी आखिरी विदाई होती है दरवाजे से। करीब 200 की संख्या में पुलिसवाले घरवालों की मांग ठुकराते हुए लाश को रात 2 बजकर 20 मिनट पर अंतिम संस्कार के लिए ले गए। पुलिसवालों ने अंतिम संस्कार के वक्त घेरा बना लिया। किसी को चिता के पास जाने तक नहीं दिया। करीब 25 मिनट बाद खुद ही पुलिस ने चिता को आग लगा दी। पुलिस के इस रवैये पर ग्रामीणों में जबरदस्त गुस्सा है। हालांकि इस मामले में प्रशासन अब सफाई दे रहा है कि घरवालों के सहयोग से ही लड़की का अंतिम संस्कार किया गया है।

बता दें कि 4 सितम्बर को यूपी के हाथरस में चार युवकों द्वारा गैंगरेप के बाद युवती का गला दबाकर उसकी हत्या का प्रयास किया गया था, जिसमें युवती की गर्दन की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। शुरुआती इलाज के बाद युवती को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां पुलिस ने पीड़िता का बयान दर्ज किया। इस दौरान युवती की स्थिति इतनी दयनीय थी कि वो अपने साथ घटित दरिंदगी को बड़ी मुश्किल से बयां कर सकी। इस मामले में हाथरस के जिलाअधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने एक बयान जारी कर बताया कि युवती ने जांच के दौरान दो-तीन बार अपने बयान को बदला। साथ ही उन्होंने बताया कि गैंगरेप पीड़िता के गर्दन के पीछे वाली हड्डी टूट गई थी लेकिन युवती द्वारा जीभ कांटने की बात को गलत बताया है। अलीगढ़ के हॉस्पिटल में हालत बिगड़ने के बाद युवती को दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद से ही देश भर में आक्रोश का माहौल है। हाथरस की निर्भया के लिए पूरा देश इंसाफ मांग रहा है और उत्तर प्रदेश पुलिस अपने बयानों का जाल बुन रही है। हाथरस की निर्भया मौन हो गई लेकिन उसकी चीख पूरे देश से सवाल पूछ रही है कि देश की बेटियां कब महफूज हो सकेंगी। कब देश की बेटी को अपने लिए न्याय मांगने की जरूरत नहीं होगी। ये सवाल अपने आप में काफी नहीं हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के हाथरस की जघन्य वारदात अपने आप में सवाल बनकर सामने खड़ी है।

पीड़िता की मौत के बाद अब यूपी में सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने अलग-अलग ट्वीट कर योगी सरकार के कामकाज पर तीखे सवाल किए। राहुल ने कहा कि देश की एक बेटी को जीते जी तो दूर मरने के बाद भी इंसाफ नहीं मिला। राहुल गांधी ने कहा कि भारत की एक बेटी का रेप-कत्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक भी छीन लिया जाता है। ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है। वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा कि घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया। अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया। योगी आदित्यनाथ, इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार को घेरा है। दूसरी तरफ अपराधियों को सजा देने के लिए अक्षय कुमार, कंगना रनौत, दीया मिर्जा, हुमा कुरैशी, फरहान अख्तर, अनुष्का शर्मा, रितेश देशमुख सहित कई बॉलीवुड सितारों ने भी न्याय की मांग की है। अक्षय ने ट्वीट किया, ''गुस्से में और निराश!ः हाथरस गैंगरेप में ऐसी क्रूरता। यह कब रुकेगा?'' इसके आगे उन्होंने कहा, ''हमारे कानून और उनका प्रवर्तन इतना सख्त होना चाहिए कि सजा के बारे में सोचकर ही बलात्कारी डर के मारे थरथराते रह जाएं! दोषियों को फांसी दो। बेटियों और बहनों की सुरक्षा के लिए उर की आवाज उठाओ-कम से कम हम यह कर सकते हैं।'' ट्विटर पर दीया मिर्जा ने लिखा. ''अगर हम हाथरस की पीड़िता को भूल गए. हम उसे हर स्तर पर असफल कर देंगे. यह हमारे सामूहिक विवेक पर निर्भर है।'' कंगना रनौत लिखती हैं, ''मुझे योगी आदित्यनाथ जी पर अटूट विश्वास है। जिस तरह प्रियंका रेड्डी के बलात्कारियों को घटनास्थल पर ही गोली मार दी गई थी। हम हाथरस में भी वैसे ही न्याय की कामना करते हैं'' इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए फरहान अख्तर ने ट्वीट किया, ''दुखद दिन... ये सब कितने समय तक चलने दिया जा सकता है हैशटैग हाथरस''। प्रियंका रेड्डी का जिक्र आया है तो बता दूं कि लगभग एक साल पहले प्रियंका रेड्डी के आरोपियों को एक एनकाउंटर में पुलिस ने मार गिराया था उस समय कुछ आलोचनाओं के साथ पुलिस की खूब तरीफ हुई तो वहीं हाथरस के केस में पुलिस एक विलेन की भूमिका में नजर आ रही है। (हिफी)

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