संसाधनों के अभाव में भी वर्कशीट पर बच्चे गढ़ रहें भविष्य

संसाधनों के अभाव में भी वर्कशीट पर बच्चे गढ़ रहें भविष्य
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लखनऊ। अब एंड्रॉयड मोबाइल न होने पर भी परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की पढाई नहीं रुकेगी। बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए शिक्षक, शिक्षामित्र, रसोइयां और अनुदेशक खुद बच्चों के घर पर वर्कशीट पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा विद्यालय में निःशुल्क पुस्तक लेने के लिए आ रहे अभिभावकों के माध्यम से भी वर्कशीट बच्चों के पास पहुंचाई जा रही है।

वर्कशीट पर दिए गए प्रश्नों को हल करके बच्चें उसे स्कूल तक फिर किसी न किसी माध्यम से भेज रहे हैं। शिक्षक वर्कशीट को चेक करके बच्चों की योग्यता का आंकलन करके सूची तैयार कर रहे हैं। इसके बाद हफ्ते में एक दिन बच्चों के घर जाकर अथवा उनके अभिभावकों को विद्यालय बुलाकर उन्हें बच्चों की कमियों से अवगत कराते हैं। उसके बाद अभिभावकों के सहयोग से फिर बच्चों तक वर्कशीट पहुंचा रहे हैं। जिससे कोरोना काल मे भी बच्चों को पढाई बाधित न हो। राजधानी के बीकेटी ब्लॉक से एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) अनुराग सिंह राठौर और उनकी टीम से इसकी शुरुआत कर दी है। यह व्यवस्था इस लिए शुरू की गई है कि परिषदीय विद्यालयों के करीब 90 फीसद बच्चों के घर पर एंड्रॉयड मोबाइल नहीं है।

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