सरकारी नौकरी को भर्ती परीक्षा के स्वरूप में बदलाव

सरकारी नौकरी को भर्ती परीक्षा के स्वरूप में बदलाव

देहरादून। सरकारी नौकरी के लिए भर्ती परीक्षा के स्वरूप में बदलाव की पहल सराहनीय है। इसे युवा भी नई उम्मीद की तरह देख रहे हैं। कॉमन टेस्ट से जहां अलग-अलग फॉर्म भरने से छुटकारा मिलेगा, वहीं आवेदन शुल्क में खर्च होने वाला पैसा भी बचेगा। करियर काउंसलर्स भी मानते हैं कि इससे अभ्यर्थियों को लाभ होगा। हालांकि, प्रतिस्पर्धा में कमी आने का कोई चांस नहीं है, क्योंकि देश में कड़ी मेहनत करने वालों की कोई कमी नहीं है। पर मेरिट ऊपर जाने की संभावना बढ़ जाएगी। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन को मंजूरी देकर भर्ती प्रक्रिया में सुधार की बड़ी पहल की है। अब ग्रुप बी और सी के नॉन टेक्निकल पदों पर भर्ती के लिए आवेदकों को एक ही ऑनलाइन कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) देना होगा। इसमें सबसे अच्छी बात तो यह है कि सीईटी में सफल अभ्यर्थी तीन साल तक सीधे मुख्य परीक्षा दे सकेगा।

कोरोना के चलते मैदानों पर सन्नाटा पसरा है। मैदान घास से पटे हैं। खिलाड़ी ही नहीं, स्कूल-कॉलेज के छात्र भी घरों में हैं। शहर के स्कूल-कॉलेज के मैदान समेत अन्य खेल मैदानों में आमतौर पर भीड़ नजर आती थी। कोई सुबह-सुबह पहुंचकर क्रिकेट मैच के लिए पिच घेरता तो कोई मैदान के कोने में फुटबॉल या बैडमिंटन खेलता नजर आता था, पर ये कोरोना का कहर है कि मैदानों में सन्नाटा पसरा हुआ है। सामान्य दिनों में गर्मियों की छुट्टियों में युवाओं के ग्रुप सुबह-शाम खेल-कूद में ही मशगूल नजर आते थे, लेकिन इस बार छुट्टियां लंबी होने के बावजूद मैदानों से दूरी बनानी पड़ रही है। अब तो गली क्रिकेट भी संभव नहीं है। जो छोटे-छोटे बच्चे शाम को मोहल्ले में उछल-कूद करते नजर आते थे, उन पर भी पाबंदी लग गई है। न स्कूल, न घूमना-फिरना, बस घर में या आंगन में खेलकर बच्चे मन बहला रहे हैं।

कोरोनाकाल में आउटडोर गेम्स तो गायब हो गए, लेकिन बच्चे और युवाओं को मोबाइल गेम्स के मोहपाश ने जरूर जकड़ लिया है। जिसे देखो मोबाइल में नजरे गड़ाए दुनिया से बेसुध है। मल्टी प्लेयर गेम्स का क्रेज भी युवाओं में खासा बढ़ा है। ऐसे में दोस्तों के साथ एक ही गेम ऑनलाइन खेलना और चैट करना आजकल पहली पसंद बना हुआ है। टाइमपास और मनोरंजन के लिहाज से युवा ऑनलाइन गेम्स को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। अब मनोरंजन तक तो ठीक, लेकिन गेम के चक्कर में कुछ तो खाना-पीना भी भूल जाते हैं। बस उन्हें कोई डिस्टर्ब न करे। घंटों मोबाइल पर चिपके युवा अपनी आंखों और दिमाग दोनों पर अनावश्यक जोर डाल रहे हैं। जाहिर है, ज्यादा गेम खेलने से उनमें चिड़चिड़ापन भी नजर आता है। पर मां-बाप की सुनता कौन है। बस इन्हें कुछ न कहो, ऐसे बच्चों को तो मां-बाप क्या भगवान भी नहीं समझे सकते।

हर वर्ग और हर क्षेत्र में कोरोना के कारण उपजे विपरीत हालात नए विकल्प भी पैदा कर रहे हैं। अब सेवायोजन विभाग को ही देख लीजिए। युवाओं को रोजगार देने के प्रयास के तहत सेवायोजन विभाग समय-समय पर भर्ती मेला आयोजित करता है। जिसमें स्थानीय और बाहरी कंपनियां शामिल होती हैं। योग्य युवाओं को यहां आसानी से रोजगार भी मिल जाता है, लेकिन इस बार भर्ती मेला पर कोरोना की मार पड़ गई है। ऐसे में सेवायोजन विभाग ने आयोजन को ऑनलाइन करने की योजना बनाई है। घर बैठे आवेदन करें, कंपनी से संपर्क करें और नौकरी भी पाएं। दून में पहले ऑनलाइन भर्ती मेले का आयोजन जल्द होने जा रहा है, लेकिन इससे यह स्पष्ट है कि कोरोना ने हमारे लिए चुनौतियों के साथ नए विकल्प भी दिए हैं। विभाग की वेबसाइट पर सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आसानी से कंपनी से संवाद स्थापित किया जा सकता है।

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