उपवास से हैं कई फायदे

उपवास से हैं कई फायदे
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लखनऊ। भारत में उपवास सिर्फ धार्मिक दृष्टि से नहीं बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी कारगर है। उपवास शरीर को कई तरह के लाभ प्रदान करते हैं। इसे वजन घटाने के अलावा शरीर में ऊर्जा के स्तर में वृद्धि, चयापचय में सुधार, सूजन कम करने और बेहतर आंत स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई नुकसान भी हैं। दरअसल इसका दिमाग पर एक गहरा असर पड़ रहा है, इतना कि ये कई तरह से शरीर को हानि पहुंचा रहा है। इससे शरीर में कमजोरी, सिर दर्द और कई सारे मनोवैज्ञानिक बदलाव हो रहे हैं, जो कई इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले लोगों को आभास नहीं हो रहा है। तो अगर आप भी इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनके इन नुकसानों को जान लें। इंटरमिटेंट फास्टिंग करने पर शुरुआत में शरीर को इसके कारण वाले परिवर्तनों को समायोजित करने में मुश्किल हो सकती है। ये इस तरह कि जब आप अचानक लंबे समय तक खाना बंद कर देते हैं, तो आपको कुछ सामान्य दुष्प्रभावों का अनुभव होने की संभावना है, जैसे कि तेज भूख लगना, क्रेविंग, सिरदर्द, कम ऊर्जा, चिड़चिड़ापन और नाराजगी इत्यादि। हालांकि ये लक्षण आम तौर पर शुरुआत में ज्यादा होते हैं और धीरे-धीरे ये कम होने लगता है। पर कुछ दिनों बाद शरीर को इसकी आदल हो जाती है और शरीर इसे नेचुरल तरीके से अपना लेता है। लेकिन कुछ का तर्क है कि रुक-रुक कर उपवास करना न केवल शरीर को प्रभावित करता है बल्कि मन को भी प्रभावित कर सकता है। भूख लगने पर लोग अधिक आक्रामक हो जाते हैं, यह न्यूरोपेप्टाइड वाई नामक एक हार्मोन के कारण होता है। इसलिए, अगर आपका पेट घंटों तक खाली रहता है, तो आपको चिढ़ या गुस्सा महसूस होने की संभावना है। रुक-रुक कर उपवास के शुरुआती दिनों के दौरान मूड स्विंग हो सकता है। ऐसे में इससे परेशान न हो डाइट के दौरान खूब सारा पानी पिएं।

प्रतिबंधित आहार के सेवन से आपके शरीर में कोर्टिसोल नामक अधिक तनाव वाले हार्मोन जारी हो सकते हैं, जिससे आप चिंतित और तनावग्रस्त महसूस कर सकते हैं। अगर ये आपको ज्यादा महसूस हो रहा है, तो अपने डाइटिशियन से बात करें। कुछ अध्ययनों का दावा है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग नींद के साथ समस्याएं पैदा कर सकता है। जर्नल नेचर एंड स्लीप ऑफ स्लीप में प्रकाशित एक अध्ययन ने सुझाव दिया कि उपवास करते समय कोर्टिसोल और इंसुलिन के स्तर में वृद्धि से आरईएम नींद की मात्रा में कमी आ सकती है। वहीं ज्यादा देर तक खाली पेट रहना आपका सोना मुश्किल कर सकता है। वहीं अपर्याप्त नींद आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। जब आप अपने भोजन की समय सीमा को सीमित करते हैं, तो आप भोजन को शामिल करने वाले सामाजिक समारोहों जैसे पार्टी और फ्रेंड के साथ मेल-मिलाप में कमी आ सकती है। आप न खाने के कारण कई सारी चीजों में भाग नहीं ले पाएंगे,जिससे अकेलापन महसूस कर सकते हैं। वहीं अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन का कहना है कि इससे सामाजिक अलगाव और अकेलेपन की भावना पैदा हो सकती है। शोध कहते हैं कि लंबे समय तक भोजन से दूर रहना आपको अधिक आवेगी बना सकता है और अल्पकालिक निर्णय ले सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक उपवास करने से मस्तिष्क में फील-गुड हार्मोन की मात्रा कम हो सकती है और आप आवेगी बन सकते हैं। इन सारे नुकसान के बाद भी इंटरमिटेंट फास्टिंग शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है। इंटरमिटेंट फास्टिंग न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर को बढ़ाता है और सीखने और स्मृति को बढ़ावा देने में मदद करता है। हालांकि अपने चिकित्सक से सलाह लेकर ही इंटरमिटेंट फास्टिंग करें तो बेहतर होगा।

(हिफी)

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