मंत्री और बिजली कर्मचारी संघ की वार्ता हुई विफल - बिजली का संकट बरकरार

मंत्री और बिजली कर्मचारी संघ की वार्ता हुई विफल - बिजली का संकट बरकरार

लखनऊ। बिजली कर्मचारी संघ की जारी हड़ताल की वजह से पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली संकट गहराया हुआ है। बिजली गायब होने से लोग पानी को भी तरस गए हैं । आम जनता को जब उम्मीद जगी थी जब ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बिजली कर्मचारी संघ को बातचीत के लिए बुलाया था। दोनों पक्षों के बीच लंबी बातचीत हुई लेकिन वार्ता विफल रही।

इस संबंध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि 16 मार्च को रात 10 बजे से हड़ताल शुरू हुई थी किसी कमेटी बनाने से हड़ताल खत्म नहीं होती। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री कह रहे हैं वार्ता के दरवाजे खुले हैं तो हम भी कह रहे हैं वार्ता के दरवाजे खुले हैं मगर हमे किसी ने वार्ता के लिए बुलाया नहीं।

अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा कि 1332 गरीब संविदा कर्मचारियों को निकाल दिया गया जबकि समझौते में लिखा है कि सभी को समान वेतन दिया जाएगा।न्यायालय के मामले को हमारे वकील देखेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पर तोड़फोड़ का आरोप लगाया गया,आपकी सरकार है आप जांच कराएं।

उन्होंने कहा कि ओबरा की 1000 मेगावाट की उत्पादन शून्य हो गया। ज्यादातर उत्पादन इकाइयां बन्द हो गई मगर पावर कारपोरेशन हठधर्मिता अपनाए हुए है। शैलेंद्र दुबे ने कहा कि 3 दिसम्बर का लिखित समझौता है लेकिन माना नही जा रहा। एसएलडीसी के इंजीनियरों पर तोड़फोड़ के गलत आरोप जब कर्मचारी ऑफिस गए ही नही तो तोड़फोड़ कैसे हो गई। ओबरा और अनपरा कोयले की नही सोने की खदान है। ऊर्जा निगमों की सम्पत्तियां हमारी मां है हम पूजा करते हैं, हम शांतिपूर्ण ढंग से काम से हटे हैं।

उन्होंने कहा कि 8000 रुपए आउटसोर्सिंग को मिल रहा कैसे काम चलेगा। आज रात को 48 घंटे की हड़ताल हो जाएगी, हमने कहा था कार्रवाई करेंगे तो अनिश्चितकालीन पर जाएंगे।उन्होंने चेतावनी दी कि गिरफ्तारी या दण्डित किया तो जेल भरो आंदोलन चलाएंगे। संघर्ष समिति के 22 पदाधिकारियों पर एफआईआर की गई है अगर एफआईआर दर्ज हो गई तो हमे गिरफ्तार करे। हम यहां आ गए है अब जाएंगे नहीं। हटाए गए कर्मचारियों को फिर से लेंगे तभी ड्यूटी ज्वाइन करेंगे।

शैलेंद्र ने कहा कि हमारा जनता को तकलीफ पहुचाने का उद्देश्य नहीं है अगर बर्खास्तगी का आदेश आएगा तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। हम किसी भी जांच के लिए तैयार हैं, एस्मा या रासुका लगे तो भी हम पीछे नहीं हटेंगे।

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