बड़े बेआबरू होकर ट्रम्प निकले

बड़े बेआबरू होकर ट्रम्प निकले

वाशिंगटन। बात दूसरे देश अमेरिका की है लेकिन ज्यादा दिनों की बात नहीं जब हमने उन्हें गुजरात में आमंत्रित कर भरपूर स्वागत किया था। नमस्ते ट्रंप को दुनिया भर की मीडिया ने कबर किया था। हम अमेरिका के लोकतंत्र का भी सम्मान करते हैं। आज उसी लोकतंत्र की धज्जियां ट्रंप के समर्थकों ने उड़ा दीं। राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे पर जब अमेरिकी कांग्रेस मुहर लगाने जा रही थी, तभी ट्रंप के समर्थकों ने नंगा नाच किया। इस हंगामे के बीच ही जो बाइडेन की विजयश्री अंकित की गयी लेकिन ट्रंप की विदाई बेआबरू हो रही है। स्काटलैंड ने ट्रम्प के देश में आने पर प्रतिबंध लगा दिया तो फेसबुक पर जुकरवर्ग ने उनका एकाउंट ही बंद कर दिया। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस घटना को अमेरिका के इतिहास की सबसे शर्मनाक बताया है। इतनी लानत मलामत के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान जारी कर अपनी हार स्वीकार कर ली है। ट्रंप ने बयान जारी कर कहा कि ये उनके एतिहासिक और पहले राष्ट्रपति कार्यकाल का अंत है। मैं चुनाव के इन नतीजों से पूरी तरह असहमत हूँ लेकिन 20 जनवरी को सत्ता का हस्तांतरण सही तरीके से हो जाएगा।


अमेरिकी कांग्रेस ने 7 जनवरी को डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन की जीत पर संवैधानिक मुहर लगा दी है। कांग्रेस ने इलेक्ट्रोरल कालेज काउंटिंग में बाइडन को विजेता घोषित किया है। बाइडन के अलावा कमला हैरिस को भी उपराष्ट्रपति पद के लिए विजेता घोषित किया गया है। इससे पहले सीनेट और कांग्रेस ने जॉर्जिया, पेन्सिल्वेनिया, नेवाडा और एरिजोना से जुड़े रिपब्लिकन नेताओं के काउंटिंग रोकने से सम्बंधित प्रस्तावों को बारी-बारी से खारिज कर दिया। डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने चुनाव में बेइमानी का आरोप लगाते हुए कैपिटल हिल बिल्डिंग में घुसकर वोटिंग की प्रक्रिया को रोकने के लिए हिंसा की थी जिसमें 4 लोग मारे भी गये। बाइडन को विजेता घोषित कर उपराष्ट्रपति पेंस ने कहा कि अब सभी को अपने काम पर वापस लग जाना चाहिए।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को लेकर सियासी खींचतान जमकर हुई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावों में धांधली का आरोप लगाया और दबाव बनाने में जुट गये। इस बीच ट्रंप समर्थकों की भीड़ ने यूएस कैपिटल हिल बिल्डिंग के बाहर हंगामा किया।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थक दंगाइयों द्वारा कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद) पर किए गए हमले में कांग्रेस (संसद) के निम्न सदन प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की गई। पेलोसी के सहायक ने बताया कि भीड़ ने 80 वर्षीय शीर्ष डेमोक्रेट नेता के अति सुरक्षित इमारत स्थित कार्यालय में लगे बड़े आइने को तोड़ दिया और दरवाजे पर लगी नाम की पट्टी उखाड़ दी। ट्रंप की घोर आलोचक रहीं पेलोसी के कार्यालय में रखी मेज पर एक ट्रंप समर्थक पैर रखकर बैठा हुआ था। लोकतंत्र का इससे ज्यादा अपमान और क्या हो सकता है।

अमेरिकी मीडिया ने कैपिटल पर निर्वतमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के हमले के बाद ट्रंप को एक खतरा करार दिया है और कहा है कि वह कार्यालय में रहने के योग्य नहीं हैं। इसलिए उन्हें पद से हटाया जाए। अमेरिकी मीडिया ने ट्रंप को महाभियोग प्रक्रिया या आपराधिक मुकदमे के तहत जिम्मेदार ठहराने की भी मांग की है।

अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में हुए शर्मनाक बवाल के बाद स्कॉटलैंड के कानून मंत्री हमजा युसूफ ने यूनाइटेड किंगडम में डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री बैन करने की मांग की है। उन्होंने ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल से मांग की है कि एक बार डोनाल्ड ट्रंप अपने पद से हट जाएं फिर उन्हें यूनाइटेड किंगडम में नहीं घुसने देना चाहिए। उधर, अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट को अनिश्चितकाल के लिए बैन कर दिया गया है। फेसबुक के चीफ मार्क जुकरबर्ग ने इसकी जानकारी दी है। इससे पहले फेसबुक ने नीति उल्लंघन के चलते राष्ट्रपति के अकाउंट को 24 घंटे के लिए बैन कर दिया था। ट्विटर ने भी 12 घंटे के लिए ट्रंप के हैंडल को बैन कर दिया। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कैपिटल बिल्डिंग में हिंसा भड़काने के लिए निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यह देश के लिए बेहद अपमान और शर्मिंदगी का पल है। यूएस कैपिटल में हजारों ट्रंप समर्थक दंगाइयों के घुसने और संसद के संयुक्त सत्र को बाधित करने के बाद पूर्व राष्ट्रपति ओबामा का यह बयान आया। घटना के वक्त संसद का संयुक्त सत्र चल रहा था जिसमें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के जीत की पुष्टि होनी थी।

ओबामा ने एक बयान में कहा, इतिहास कैपिटल में हुई आज की हिंसा की घटना को याद रखेगा, जिसे वैध चुनावी नतीजे के बारे में लगातार निराधार झूठ बोलने वाले एक निवर्तमान राष्ट्रपति ने भड़काया। यह अमेरिका के लिए बेहद शर्मनाक है। स्काटलैंड नेता हमजा यूसुफ ने लिखा है-एक बार ट्रंप अपना दफ्तर छोड़ देते हैं फिर अगर वो यूके आना चाहें तो गृहमंत्री को उन्हें एंट्री न देने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। अगर आवेदनकर्ता की मौजूदगी आम लोगों के हित में नहीं है तो गृह मंत्री के पास ऐसे अधिकार हैं। ट्रंप लगातार नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा देते रहे हैं और अब उन्होंने हिंसक भीड़ को उकसाया है।

इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को जो बाइडन के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल न होकर स्कॉटलैंड जाएंगे लेकिन इसे लेकर भी स्कॉटलैंड सरकार की मुखिया निकोला स्टरजियॉन कह चुकी हैं-गोल्फ खेलने के लिए हमारे देश आने को मैं किसी गंभीर काम से जोड़कर नहीं देखती। स्टरजियॉन के बयान की बेरुखी देखकर भी अंदाजा लगाया जा रहा था कि वो ट्रंप को न आने देने की इच्छुक हैं।

अब वाशिंगटन में हुए उपद्रव के बाद भी स्टरजियॉन ने बेहद आक्रामक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कैपिटोल से जो दृश्य सामने आ रहे हैं वो बेहद भयावह हैं। मैं उन लोगों के साथ एकजुटता दिखाना चाहती हूं जो लोकतंत्र और सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के पक्ष में हैं। उन लोगों को शर्म आनी चाहिए जिन्होंने लोकतंत्र पर इस हमले को उकसावा दिया।गौरतलब है कि वाशिंगटन में हुई घटना की ब्रिटिश गृहमंत्री प्रीति पटेल ने भी निंदा की है। उन्होंने लिखा है कि वाशिंगटन में अलोकतांत्रिक और नाकाबिले बर्दाश्त दृश्य सामने आ रहे हैं। इस हिंसा का कोई स्पष्टीकरण नहीं हो सकता और डोनाल्ड ट्रंप को तुरंत इसकी निंदा करनी चाहिए।

डोनाल्ड ट्रम्प और उनके समर्थक क्या अब उस लोकतंत्र से सार्वजनिक माफी मांगेंगे जिस पर अमेरिका अब तक गर्व करता आ रहा है। (हिफी)

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