बीते साल ने दिया बहुत कुछ- शुभ आगमनम् 2023 स्वागतम्
नई दिल्ली। इन पंक्तियों के लिखे जाने के ठीक लगभग 21 घंटे बाद साल 2022 विदाई लेगा और साल 2023 का आगमन होगा। शुभ मुहूर्त शुभ घडी पर जो विश्वास करते हैं उनमें मैं भी शामिल हूँ। इसलिए 21 घंटे शुभ अंक माना जाता है तो आने वाला साल भी शुभ होगा। बीते साल ने बहुत कुछ दिया है लेकिन चीन सहित कुछ देशों में कोरोना के एक नये वैरिएन्ट ने जिस तरह की तबाही मचा रखी है उसने समूची दुनिया को चिंता में डाल दिया है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने हमारे देश में भी जिस तरह कहर बरपाया था उसको याद करके आज भी शरीर सिहर जाता है। स्वास्थ्य ही ठीक न हो तो सभी सुख सुविधा व्यर्थ। इसलिए नव वर्ष 2023 आपके शुभागमन पर स्वागत-गीत यही है सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः। अर्थात सभी सुखी रहें सभी रोग रहित होवे। इसके साथ ही रूस और यूक्रेन के बीच जो युद्ध चल रहा है उसे खत्म होना अब जरूरी है। इस लडाई ने यूक्रेन में तो जन और धन की बडे स्तर पर बर्बादी की है साथ ही रूस की भी अर्थ व्यवस्था चरमरा गयी है। सबसे ज्यादा चिंता जनक यह है कि इस युद्ध के चलते दुनिया भर के देश दो खेमे में बंट गये हैं। कुछ देश मजबूरी में तटस्थ हैं लेकिन असमंजस की स्थिति तो उनके सामने भी है। इसलिए रूस यूक्रेन युद्ध के साथ सीरिया वियतनाम गाजापट्टी जैसे तनाव भी दूर हो जाएं तो समूची दुनिया को राहत मिलेगी। हमारे देश का एक पडोसी भारत विरोधी राजनीति पर ही सरकार चलाता है। उसकी यह मानसिकता इस नये साल में बदल जाए तो हैप्पी न्यू ईयर की शुभकामनाएं सार्थक हो जाएंगी। देश के अंदर सदभाव और शांति का वातावरण बना रहे प्रकृति भी नाराजगी न दिखाए यही नये साल में उम्मीद की जानी चाहिए।
चीन में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यहां मौतों का आंकड़ा भी आसमान छू रहा है। चीनी सरकार ने आंकड़े जारी करना बंद कर दिए हैं, जिसकी वजह से वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल पा रहा। हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल भयावह वीडियो में मौत का तांडव साफ नजर आ रहा है। लाशों को भरने वाले ताबूत भी कम पड़ गए हैं, जिससे डेथबॉडीज को प्लास्टिक की पॉलिथीन में कवर किया जा रहा है। भारत सहित कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कड़ी गाइडलाइंस जारी की हैं। चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक दिन पहले कोविड-19 मामलों में उछाल पर डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। चीन में बढ़ते कोरोना मामले को देखते हुए भारत, अमेरिका, जापान, इटली और ताइवान ने सख्त गाइडलाइंस बनाई है। चीन से आने वाले यात्रियों का अनिवार्य परीक्षण होगा। इन देशों के अलावा इजरायल ने भी कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की है, जिसके तहत आपके कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट दिखाना होगा।इसके बिना आप इजरायल की यात्रा नहीं कर सकते। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयेसस ने बीजिंग से अधिक जानकारी साझा करने के लिए कहा और महामारी प्रभावित यात्रियों की जांच के लिए भारत जैसे देशों के फैसले का बचाव किया। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने ऑनलाइन बैठक के बाद एक बयान में कहा कि चीनी अधिकारियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति, ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन पर विचारों का आदान-प्रदान किया। बैठक के बाद बयान में कहा गया है कि वे दुनिया भर में जल्द से जल्द महामारी को समाप्त करने में मदद के लिए तकनीकी आदान-प्रदान जारी रखने पर सहमत हुए। चीन में ओमीक्रोन के उपस्वरूप के मौजूदा उछाल से लाखों चीनी संक्रमित हुए हैं, जिससे दुनिया भर में चिंता फैल गई। इससे पहले टेड्रोस ने ट्वीट किया था, जैसा कि मैंने अपने सबसे हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि चीन में कोरोना की स्थिति का व्यापक जोखिम मूल्यांकन करने के लिए डब्ल्यूएचओ को विस्तृत जानकारी की आवश्यकता है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने वायरस फैलने से रोकने के लिए चीन से आने वाले लोगों के खिलाफ सुरक्षात्मक उपाय करने के लिए भारत सहित विभिन्न देशों का बचाव भी किया। उन्होंने कहा कि चीन से व्यापक जानकारी के अभाव में यह समझा जा सकता है कि दुनियाभर के नेता अपनी जनता की रक्षा करने के लिए नए-नए फैसले ले रहे हैं जोकि सही भी है। उन्होंने कहा कि हम मौजूदा स्थिति के बारे में चिंतित हैं और हम चीन को कोविड-19 वायरस पर नजर रखने तथा उच्चतम जोखिम वाले लोगों का टीकाकरण करने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखते हैं। हम नैदानिक घ्घ्देखभाल और स्वास्थ्य प्रणाली की सुरक्षा के लिए अपना समर्थन देना जारी रखते हैं। टेड्रोस ने 2019 के अंत में चीन के वुहान शहर में पहली बार सामने आए कोरोनावायरस की उत्पत्ति का जिक्र करते हुए कहा, हम आंकड़े साझा करने के लिए चीन से आह्वान करना जारी रखेंगे और इस महामारी के बारे में सभी परिकल्पनाओं पर गौर करेंगे। बहरहाल हम भगवान पर ज्यादा भरोसा करने वाले लोग साल 2023 से भी ही अपेक्षा करते हैं कि कोरोना महामारी नियंत्रित रहे।
रूस यूक्रेन युद्ध भी चिंता पैदा कर रहा है। फॉर्ब्स की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि ईडब्ल्यू का इस्तेमाल कर रूस ने यूक्रेन के ड्रोंस को नाकाम कर दिया है, जिससे यूक्रेन की सेना को रूसी सेना की तैनाती के बारे में खुफिया जानकारी नहीं मिल पा रही है। साल 2022 शुरू होने से पहले ही यूक्रेन को लेकर बहस शुरू हो चुकी थी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के इर्द गिर्द अपनी सेना का जमावड़ा बढ़ाते जा रहे थे। माहौल में थोड़ी घबराहट जरूर थी, लेकिन शायद ही कोई यह मान रहा था कि सचमुच युद्ध शुरू हो जाएगा। लेकिन, युद्ध सचमुच शुरू हो गया। दुनिया और यूरोप की भू-राजनीति बदल गई। 24 फरवरी की उस काली तारीख के बाद से अब तक, विभिन्न अनुमानों के मुताबिक दोनों तरफ के एक-एक लाख से ज्घ्यादा सैनिक हताहत हो चुके हैं। इसके अलावा करीब 40 हजार नागरिक भी मारे गए हैं। 78 लाख से अधिक यूक्रेनी नागरिक विभिन्न यूरोपीय देशों में शरणार्थी बनकर जी रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध भीषण होता जा रहा है। इस बीच युद्ध खत्म करने को लेकर रूस का बड़ा बयान भी सामने आया। रूस ने कहा कि यूक्रेन में जारी युद्ध को खत्म करना वहां के राष्ट्रपति के हाथ में है।
वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों की ओर से होने वाली आलोचना के बावजूद यूक्रेन पर हमले जारी रखने का संकल्प लिया है। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय 'क्रेमलिन' के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, 'यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की जानते हैं कि यह कब खत्म हो सकता है, अगर वह चाहें तो यह कल ही खत्म हो सकता है। 'क्रेमलिन काफी समय से कहता रहा है कि युद्ध को खत्म करने के लिए यूक्रेन को रूस की शर्तें माननी होंगी। रूस की मांग है कि यूक्रेन, क्रीमिया को उसका (रूस का) हिस्सा माने। रूस ने साल 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर हमला करके उसे अपने कब्जे में ले लिया था। इसके अलावा वह कब्जाए हुए अन्य क्षेत्रों को भी मान्यता देने की मांग करता है। जिद पर जेलेन्स्की भी अडे हैं। अमेरिका और यूरोपीय देश उनका साथ दे रहे हैं। उधर चीन पुतिन के साथ खडा है।
इसी तरह पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करना नहीं बन्द कर रहा तो चीन विस्तारवादी भावना नहीं छोड़ रहा है। इजरायल फिलिस्तीन का झगड़ा भी कटुता पैदा करता है। नये साल में सब कुछ ठीक हो जाए तो सचमुच का हैपी न्यू ईयर। (हिफी)