पड़ोसी मुल्क में चीनी 290, चावल 500 और पेट्रोल सेना के साए में

पड़ोसी मुल्क में चीनी 290, चावल 500 और पेट्रोल सेना के साए में

नई दिल्ली। यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध की वजह से रूस में भुखमरी फैलने का दुनिया भर में हल्ला मचा हुआ है। लेकिन वास्तविकता यह है कि हमारा पड़ोसी देश श्रीलंका इस समय भूख से पूरी तरह बिलबिला रहा है। बिना किसी युद्ध के वहां पर खाने पीने की चीजों के दाम आसमान को छू रहे हैं। जबकि डीजल पेट्रोल की बिक्री सेना के साए तले जा पहुंची है। अपनी आजादी के बाद श्रीलंका इस समय आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है।

चालाक चीन के कर्ज के मकड़जाल में फंसा हमारा पड़ोसी देश श्रीलंका इस समय दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है। बिना किसी युद्ध के श्रीलंका में उत्पन्न हुए भुखमरी के हालातों के बीच नागरिकों को 1 किलो चीनी के लिए 290 रूपये के दाम चुकाने पड़ रहे हैं। 1 किलो चावल के लिए कारोबारियों द्वारा 500 रूपये वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा चार सौ ग्राम मिल्क पाउडर 790 रूपये में मिल रहा है। इतना ही नहीं पेट्रोल के दाम 50 रूपये और डीजल के दाम 75 रूपये तक बढ़ाए जा चुके हैं।

हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि सरकार के पास परीक्षाओं के पेपर छापने का कागज और स्याही तक नहीं रही हैै डीजल पेट्रोल और गैस के मामले में हालात कुछ हद से भी ज्यादा गंभीर स्थिति के बीच पहुंच चुके हैं। 2 हफ्ते पहले ही श्रीलंका में पेट्रोल के दाम 50 रूपये और डीजल के 75 रूपये बढ़ाए गए थे। जिसके चलते श्रीलंका में पेट्रोल 254 रूपये प्रति लीटर मिल रहा है जबकि डीजल के लिए 176 रूपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं। श्रीलंका में डीजल पेट्रोल की खरीद को लेकर हालात कुछ ऐसे गंभीर हो चुके हैं कि इसे खरीदने के चक्कर में कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है।

श्रीलंका की सरकार ने पेट्रोल पंप एवं गैस स्टेशनों पर सेना तैनात करने का फैसला लिया है। लंबी-लंबी कतारें पेट्रोल पंप पर देखी जा रही है। जहां हजारों लोग कतार में खड़े होकर घंटों के इंतजार के बाद तेल खरीद रहे हैं। श्रीलंका में अभी तक भी 20 फीसदी परिवार खाना बनाने के लिए मिट्टी के तेल पर निर्भर हैं। इसके बावजूद अब लोगों को मिट्टी का तेल भी नसीब नहीं हो रहा है।

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