चंदौली का चावल जाएगा विदेश

नई दिल्ली। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) देश के प्रमुख निर्यातकों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए उन्हें वाराणसी क्षेत्र से चावल की खेप का जहाज में लदान करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराया।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि उत्तर प्रदेश का चंदौली "धान का कटोरा" के रूप में प्रसिद्ध है। गंगा के मैदानी इलाकों की उपजाऊ भूमि के कारण यहां गैर-बासमती चावल की बड़ी मात्रा में पैदावार होती है। वाराणसी क्षेत्र से चावल के निर्यात की संभावनाओं को देखते हुए एपीडा ने भारत के प्रमुख निर्यातकों के साथ तालमेल स्थापित किया और उन्हें वाराणसी क्षेत्र से चावल के जहाज में लदान करने के लिए मंच उपलब्ध कराया। क्षेत्रीय चावल की खेप को रवाना करने का कार्यक्रम कल सिन्धाहरुआ रिंग रोड चौराहे पर वाराणसी में आयोजित किया गया। लगभग 520 टन क्षेत्रीय चावल की खेप को एपीडा के अध्यक्ष डॉ. एम. अंगामुथु ने हरी झंडी दिखाई।
डॉक्टर अंगामुथु ने कहा कि वाराणसी क्षेत्र से चावल का निर्यात बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार करते हुए वाराणसी क्षेत्र से चावल के निर्यात में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से एक परिप्रेक्ष्य कार्य योजना तैयार की जाएगी ताकि सभी संबंधित पक्षों को लक्ष्य अर्जित करने के लिए समयबद्ध तरीके से आवश्यक कार्रवाई करने में सक्षम बनाया जा सके।