ओली के खिलाफ कायम है अभी नाराजगी

ओली के खिलाफ कायम है अभी नाराजगी
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काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों में भले ही कमी आई है, लेकिन जनता में उनके प्रति नाराजगी अभी भी कायम है। कोरोना वायरस को लेकर पीएम ओली को एक बार फिर से निशाना बनाया जा रहा है।

नेपाल में सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है. नेपाली यूजर्स अमेरिकी प्रोफेसर आरजे रुमेल द्वारा गढ़े गए शब्द 'डेमोसाइड' इस्तेमाल करके सरकार के प्रति अपना गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं। यह शब्द लोकतंत्र और नरसंहार यानी जेनसाइड से मिलकर बना है।

नेपाल के लोगों का कहना है कि 'डेमोसाइड' देश की मौजूदा स्थिति को बयां करता है। दुनिया के कई नेताओं की तरह ओली भी कोरोना के खतरे को कमतर आंकते आये हैं। उन्होंने इससे बचाव को लेकर कुछ अजीबोगरीब बयान भी दिए थे, जिससे लोग भड़के हुए हैं. लोगों का कहना है कि ओली सरकार महामारी की रोकथाम के बजाये बेवजह की बयानबाजी में लगी है, जिससे पता चलता है कि उसके पास कोई कारगर रणनीति नहीं है।

नेपाली देश की अर्थव्यवस्था पर भी सवाल उठा रहे हैं। लॉकडाउन के चलते हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसे वक्त में जब देश आर्थिक तंगी से गुजर रहा है, ओली सरकार की फिजूलखर्ची भी लोगों के गुस्से को भड़का रही है। विपक्षी दलों का आरोप है कि पिछले तीन वर्षों में ओली सरकार ने सिर्फ चाय-नाश्ते पर 170 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं। यह राशि इस तरह के कार्यों के लिए आवंटित बजट से 800 प्रतिशत ज्यादा है।

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