सेंट फ्रांसिस हॉस्पिटल ने किया लिगामेंट का प्रथम ऑपरेशन

खतौली। सेंट फ्रांसिस हॉस्पिटल में लिगामेंट (दो हड्डियों की संरचना को जोड़नेवाली इकाई) का प्रथम बार सफल ऑपरेशन किया गया। सेंट फ्रांसिस हॉस्पिटल की सुविधाओं व रियायती इलाज की जानकारी मिलने पर लिगामेंट की एक मरीज नेहा ने दिल्ली से खतौली आकर अपना ऑपरेशन कराया।
हॉस्पिटल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ पंकज पंवार ने कहा कि कई बार व्यक्ति को चोट लगने से लिगामेंट इंज्यूरी की समस्या होती है। लिगामेंट दो हड्डियों की संरचना को जोड़नेवाली इकाई है। यह मुलायम टिशु होता है। लिगामेंट हड्डियों के मूवमेंट को आसान बनाता है। हड्डियों की प्रणाली लिगामेंट पर ही निर्भर होती है। कई बार देखा जाता है कि चोट लगने पर हड्डी तो नहीं टूटती है, लेकिन उस स्थान पर काफी चोट पहुंचती है। उस हिस्से में सूजन और दर्द रहे तथा वह स्थान नीला पड़ जाता है, तो यह लिगामेंट के चोट का संकेत है। ऐसे में किसी प्रकार की लापरवाही न करें। तीन-चार दिनों में यह ठीक नहीं हो, तो हड्डी रोग विशेषज्ञ से जरूर मिलें। पैर-हाथ के मुचकने के कारण भी लिंगामेंट की चोट आ सकती है। इसे कभी भी अनदेखा न करें। चोट को आराम देने के लिए जरूरत के अनुसार प्लास्टर भी किया जाता है। लिगामेंट की इंज्यूरी को सही करने के लिए सर्जरी भी होती है। यह लिगामेंट को पहुंचे चोट के स्तर को देखते हुए किया जाता है। ध्यान रखें कि यदि लिंगामेंट इंज्यूरी है, तो ऐसे हिस्से को गर्म पानी से नहीं सेकें। ऐसे स्थान की मालिश भी नहीं करें। ऐसे स्थानों को बर्फ से सेकें। चोट वाले स्थान को आराम दें। कंधे तथा घुटनों के लिगामेंट इंज्यूरी को दूर करने के लिए अर्थोस्कॉपी विधि का इस्तेमाल किया जाता है। यह काफी कामयाब इलाज है, लेकिन देखा जाए तो इस इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता है। अब कस्बावासियों को इस ऑपरेशन के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।