शहीद सतेंद्र कुमार पंचतत्व में विलीन, दी गयी अंतिम विदाई

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शामली। जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में शहीद हुए जवान सतेंद्र कुमार की अन्तिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे और एक भी आंख ऐसी नहीं थी, जो नम न हो। प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर गन्ना मंत्री सुरेश राणा, सांसद प्रदीप चैधरी, शामली विधायक तजेंद्र निर्वाल अंतिम संस्कार में शामिल हुए और शहीद के परिवार वालो को 25 लाख रुपए का चैक सौंपते हुए परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की घोषणा की। इस अवसर पर, शहीद सतेन्द्र के नाम पर एक शहीद मार्ग का निर्माण करने का आश्वासन भी दिया। इस अवसर पर जनपद के सभी उच्च अधिकारी व नेता मौजूद रहे।

इससे पूर्व जब शहीद सतेन्द्र का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव किवाना पहुंचा तो शहीद के अंतिम दर्शनों करने के लिए जन सैलाब उमड़ पडा और गांव की गलियों में सन्नाटा पसर गया। आतंकी हमले में शहीद हुए सतेंद्र का पार्थिव शरीर उनके गांव किवाना में आज सुबह आठ बजे पहुंच गया। शामली के लाल सतेंद्र के शव के इंतजार में सुबह चार बजे से ही मेरठ-करनाल हाईवे स्थित लिसाड़ मोड़ पर आस-पास गांवों के सैकड़ों युवा हाथों में तिरंगा लिए खड़े थे। जैसे ही सुबह आठ बजे सतेंद्र का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो भारत माता की जय, शहीद सतेंद्र अमर रहे और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगने शुरू हो गए। इस दौरान हर किसी की आंखों में आंसू आ गए।



प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो करीब तीन किलोमीटर तिरंगा यात्रा के साथ हजारों लोगों की मौजूदगी में सतेंद्र का शव गांव पहुंचा। शहीद के अंतिम दर्शन में पुष्पांजलि के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ गई। वहीं प्रदेश के गन्ना राज्य मंत्री सुरेश राणा, सांसद प्रदीप चैधरी, शामली विधायक तेजेंद्र निरवाल और डीएम अखिलेश सिंह सहित जिले भर के जनप्रतिनिधि और विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग सतेंद्र की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। कुछ देर बाद अंतिम यात्रा शुरू होगी। वहीं अधिकारी व्यवस्था बनाने में जुटे हुए हैं। इस बीच दिल्ली से सीआरपीएफ के डीआईजी भी शहीद के गांव पहुंचे। दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को आतंकी हमले में शामली के लाल सतेंद्र कश्यप (32) भी शहीद हो गए। शहादत की खबर जैसे ही कांधला इलाके के उनके गांव किवाना पहुंची तो कोहराम मच गया। पत्नी सोनिया और बहनों का रो-रोकर बुरा हाल था।

गुरुवार सुबह पूरा गांव सतेंद्र के घर के बाहर उमड़ पड़ा। गमजदा लोगों में आतंकियों के खिलाफ गुस्सा था। लोग सतेंद्र अमर रहे और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। शहीद के पिता मुनीराम का कहना है कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। उधर, डीएम अखिलेश सिंह, एएसपी, एसडीएम भी गांव पहुंचे थे और शहीद के परिजनों को सांत्वना दी। पिता मुनीराम ने बताया कि बागपत के निरपुड़ा गांव निवासी सतेंद्र के दोस्त सोनू के परिजनों से उन्हें बेटे की शहादत की सूचना मिली। सोनू भी सीआरपीएफ में है और उसकी भी तैनाती कश्मीर में है। उसने बुधवार रात अपने परिजनों को आतंकी हमले की जानकारी दी थी। रात करीब 11 बजे सोनू के पिता ने सतेंद्र की बटालियन में फोन किया तो बताया गया कि सतेंद्र आतंकियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे।

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