नेपाल में गतिरोध बरकरार

नेपाल में गतिरोध बरकरार

काठमांडू। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (सीपीएन) के केंद्रीय सचिवालय की बहुप्रतीक्षित महत्वपूर्ण बैठक हुई लेकिन गतिरोध दूर नहीं हो सका। पार्टी से विचार-विमर्श किए बिना सरकार चलाने के पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के आरोपों के जवाब में प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने अलग राजनीतिक दस्तावेज पेश करने के लिए 10 दिन का समय देने की मांग की। बता दें कि इससे पहले सरकार को संकट से उबारने के लिए चीन की राजदूत हाउ यांकी ने भी पीएम ओली से मुलाकात की थी।

प्रधानमंत्री ओली के बालुवातार स्थित आधिकारिक निवास पर जैसे ही बैठक शुरू हुई ओली ने सचिवालय के सदस्यों से कहा कि वह अगली बैठक में अलग राजनीतिक दस्तावेश पेश करेंगे और इसे तैयार करने के लिए 10 दिनों का समय देने के लिए कहा। सीपीएन के प्रवक्ता नारायणकाजी श्रेष्ठ ने इस बारे में बताया कि पार्टी के सचिवालय की अगली बैठक 28 नवंबर को होगी। बैठक में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड द्वारा दिए गए 19 पन्नों की राजनीतिक रिपोर्ट पर चर्चा होने की संभावना थी। सत्तारूढ़ दल के सूत्रों के मुताबिक प्रचंड ने ओली पर पार्टी से विचार-विमर्श किए बिना और पार्टी के नियम-कायदे के विपरीत सरकार चलाने का आरोप लगाया था। ओली और उनके प्रतिद्वंद्वी प्रचंड के बीच 31 अक्टूबर को बैठक में तथा सीपीएन में मतभेद सामने आने के बाद यह बैठक हुई। ओली ने मौजूदा सत्ता संघर्ष के समाधान के लिए केंद्रीय सचिवालय की बैठक बुलाने के प्रचंड के अनुरोध को भी ठुकरा दिया था। ओली और प्रचंड ने सत्ता को लेकर समझौते पर सहमत होने के बाद सितंबर में अपने मतभेद दूर किए थे जिससे पार्टी में महीनों से चला आ रहा गतिरोध खत्म हो गया था।

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