पीछे हटा चीन अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री से की बात

पीछे हटा चीन अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री से की बात

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन को चेतावनी के महज तीन दिन के भीतर ही सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि चीन की सेना ने गलवान में अपने सैनिक कैंप पीछे हटाने आरंभ कर दिए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि एलएसी पर डिसइंगेजमेंट-प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं,भारत सरकार के सूत्रों ने साफ किया कि अभी चीनी सेना पर हर्ष घंटे नजर रखी जाएगी, उसके पश्चात ही डिसइंगेजमेंट प्रोसेस को सही माना जाएगा।

एनएसए अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग से रविवार को बातचीत की। विदेश मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वांग यी इस विषय पर सहमत हैं कि शांति और स्थिरता बनाए रखने हेतु एलएसी से सेना का पूर्ण रूप से पीछे हटना जरूरी है।

पीएम नरेंद्र मोदी की चेतावनी के तीन दिनों के भीतर ही खबर आई है कि चीन के सैनिकों ने गलवान घाटी में अपने कैंप पीछे हटाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में तय माना जा रहा है कि लाइन लॉफ एक्चअल कंट्रोल पर डिसइंगेजमेंट-प्रोसेस प्रारंभ हो गई है। आपको बता दें कि सीमा पर डिएसक्लेशन यानी विवादित इलाकों से सैनिकों की संख्या कम करना शुरू नहीं हुआ है।

खबरों के अनुसार,गलवान घाटी की रविवार को पैट्रोलिंग पॉइंट नंबर-14 से चीनी सैनिकों ने अपने टेंट पीछे हटाने प्रारंभ कर दिए हैं। चीनी सैनिकों ने अपने कैंप को करीब डेढ़ किलोमीटर पीछे हटाया है। सूत्रों के हवाले से खबर के अनुसार डिसइंगेजमेंट, 30 जून को भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की बातचीत प्रक्रिया में जो सहमति बनी थी उसके मुताबिक हुआ है।

जानकारी के अनुसार गलवान घाटी का पीपी नंबर-14 वह पैट्रोलिंग प्वाइंट है जहां 15-16 जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच फेस ऑफ हुआ था। इस खूनी झड़प में भारत के एक कमांडिंग अधिकारी सहित कुल 20 सैनिक शहादत को प्राप्त हो गए थे। लेकिन इस खूनी झड़प में चीनी सैनिकों को भी बड़ा नुकसान हुआ था। केंद्रीय मंत्री और पूर्व थलसेनाध्यक्ष, जनरल वी के सिंह ने दावा किया था कि इस‌ संघर्ष में चीन के कम से कम 40 सैनिक मारे गए और 100 से ज्यादा सैनिक घायल हुए। परंतु चीन ने आधिकारिक तौर पर मारे गए सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया है।

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