गोलीबारी में 13 नागरिकों की मौत सहित 1 जवान हुआ शहीद

कोहिमा। नागालैंड के मोन जिले के ओटिंग गांव में सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी में 13 नागरिकों की मौत हो गयी तथा एक जवान शहीद हो गया।
वही राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का कर दिया। सूत्रों ने रविवार को बताया कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई से इलाके में तनाव और अशांति पैदा हो गई और प्रदर्शनकारियों ने असम राइफल्स के शिविर को जलाने की कोशिश की।
राज्य के मुख्य सचिव जे आलम ने बताया कि गोलीबारी की घटनाएं तिरु और ओटिंग गांव के बीच हुई हैं। इस घटना में 13 नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
इस संबंध में तिजित थाने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या की कोशिश ) और 34 (सामान्य इरादे) के तहत प्राथमिक दर्ज की गयी है।
राज्य के मुख्यमंत्री नेफियो रियो ने भी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की घोषणा की है। देर रात सरकार ने इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) की घोषणा कर दी, जिसका प्रमुख राज्य के पुलिस महानिरीक्षक (रेंज) लिमासुनेप जमीर को बताया गया है।
सरकारी आदेश में कहा गया कि एसआईटी तत्काल मामले को अपने हाथ में लेकर घटना स्थल का दौरा करेगी और साक्ष्य इकट्ठा करेगी। उन्होंने बताया कि एसआईटी एक महीने में जांच पूरी करेगी। एसआईटी एक महीने में जांच पूरी करेगी और यह टीम अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) संदीप एम तमगडगे की निगरानी में जांच करेगी।
राज्य के मुख्यमंत्री रियो ने इस घटना की शोक व्यक्त किया है और जांच के लिए एसआईटी गठित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, " मोन के ओटिंग में नागरिकों की हत्या की दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत निंदनीय है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। उच्च स्तरीय एसआईटी इस घटना की जांच करेगी और देश के कानून के अनुसार न्याय दिलाएगी। शांति के लिए सभी वर्गों से अपील करता हूं।"
इस घटना को लेकर सेना की ओर से जारी बयान में गहरा दुख व्यक्त किया गया। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस घटना पर खेद प्रकट करते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा, "नागालैंड के ओटिंग के मोन में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दुखी हूं। मैं उन लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है। राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय एसआईटी इसकी पूरी जांच करेगी ताकि शोक संतप्त परिवारों को न्याय सुनिश्चित किया जा सके।"
इस घटना को लेकर विपक्ष ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना के लिए गृह मंत्रालय को फटकार लगाते हुए कहा,"यह दिल दहला देने वाला है। केंद्र सरकार को एक वास्तविक जवाब देना चाहिए। गृह मंत्रालय वास्तव में क्या कर रहा है जब न तो नागरिक और न ही सुरक्षाकर्मी हमारी ही भूमि में सुरक्षित हैं?"
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने इस बीच इसे 'चिंताजनक खबर' बताया और शोक व्यक्त किया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने एक ट्वीट में कहा,"हमें घटना की गहन जांच सुनिश्चित करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पीड़ितों को न्याय मिले।"
तथित तौर पर शनिवार को शाम करीब चार बजे तिजित अनुमंड में लोंगखाओ क्षेत्र के ओटिंग गांव में एसएससीएन (के) के उग्रवादियों के होने के संदेह में सुरक्षा बलों ने अभियान चलाया और इस दौरान सुरक्षा बलों द्वारा गोलीबारी करने से ये नागरिक मारे गए। इस घटना की जानकारी रविवार को मिली। वहीं हिंसा में कम से कम 20 लोग घायल हुए हैं।
स्थानीय संगठनों के मुताबिक 14 नागरिक लापता हैं और सेना के जवानों को शनिवार की देर रात तक शवों को ले जाते हुए देका गया।
वहीं आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक एहतियात जिला में इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया है। मोन जिले में रविवार को स्थिति कथित तौर पर खराब हो गई। बताया जा रहा है कि 20,000-30,000 लोगों की भीड़ ने 27 असम राइल के शिविर को जलाने की कोशिश की।
तिरु इलाके के सूत्रों के मुताबिक भीड़-बंदूक और अन्य हथियार लेकर शहर में इकट्ठा होने लगी और विभिन्न क्षेत्रों से असम राइफल्स का कैंपों की ओर कूच करने लगी। हमलावरों ने असम राइफल के शिविर के कुछ हिस्से में आग लगा दी, जिसके कारण असम राइफल्स के जवानों को मजबूरन हवा में फायरिंग करनी पड़ी।
दिहाड़ी मजदूरों में गोली चलाने वालों अपने हवाले सौंपने की मांग को लेकर भीड़ असम राइफ्स की शिविर के सामने खड़ी हो गयी। जवान कथित तौर पर सुरक्षित हैं।
उग्र भीड़ ने तिरु में कोन्याक नागा जनजाति की शीर्ष निकाय - कोन्याक संघ के कार्यालय में भी आग लगा दी। उल्लेखनीय है कि मोन जिले में कोन्याक जनजाति का वर्चस्व है। प्रदर्शनकारियों ने पहले सुरक्षा बलों पर हमला किया और उनके कुछ वाहनों में आग लगा दी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने श्रमिकों को लेकर जा रहे एक पिक-अप वैन पर गोलियां चलाई। इस घटना के समय श्री तिरू क्षेत्र में स्थित एक कोयला खदान में काम करके लौट रहे थे।
वहीं सेना ने बयान जारी कर कहा कि वे 'विश्वसनीय खुफिया जानकारी' के आधार पर आगे बढ़ रहे थे। सेना ने कहा,"विद्रोहियों के संभावित आंदोलन की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर, तिरु, सोम जिला, नागालैंड के क्षेत्र में एक विशिष्ट अभियान चलाने की योजना बनाई गई थी।"
सेना ने कहा, "इस घटना और उसके बाद हुई हिंसा के लिए गहरा खेद है। नागरिकों के मारे जाने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा बलों को इस घटना में गंभीर चोटें आई हैं और एक जवान शहीद हो गया है।"
वार्ता