श्रीलंका की विदेश नीति में भारत प्रथम

श्रीलंका की विदेश नीति में भारत प्रथम

कोलंबो। श्रीलंका के विदेश सचिव जयनाथ कोलंबेज ने कहा है कि श्रीलंका अपनी विदेश नीति में इंडिया फर्स्ट को अपनाएगा और भारत के सभी सामरिक हितों की सुरक्षा करेगा। पिछले कुछ दिनों में हुए घटनाक्रमों के बाद ये आशंका जताई जा रही थी कि श्रीलंका का झुकाव भारत के मुकाबले चीन की तरफ ज्यादा हो गया है।

एडमिरल कोलंबेज पहले ऐसे विदेश सचिव बने हैं जिनकी सैन्य पृष्ठभूमि रही है। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने उन्हें 14 अगस्त को विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी कोलंबेज 2012-14 के बीच श्रीलंका की नौसेना के प्रमुख रहे और बाद में विदेश नीति विश्लेषक बन गए। उन्होंने कहा, ''चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और भारत छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। 2018 में भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था थी। इसका मतलब है कि हम दो आर्थिक दिग्गजों के बीच हैं।'' उन्होंने कहा कि श्रीलंका ऐसा कभी नहीं होने देगा कि उसका इस्तेमाल किसी अन्य देश, खासकर भारत के खिलाफ कुछ करने के लिए किया जाए। श्रीलंका को ना ऐसा करना चाहिए और ना ही ऐसा कर सकता है। हंबनटोटा बंदरगाह में चीन के निवेश के सवाल पर कोलंबेज ने कहा कि श्रीलंका ने हबंनटोटा की पेशकश पहले भारत को की थी। उन्होंने कहा, ''कोई भी वजह रही हो, भारत हंबनटोटा को लेकर आगे नहीं बढ़ा और उसके बाद ही वह एक चीनी कंपनी के हाथ में गया।''

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