भारत को विश्व में सबसे अधिक एफडीआई आकर्षित करने का लक्ष्य रखना चाहिए : रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली । केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है और यह परिवर्तन के मुहाने पर खड़ा है। इसके लिए अतिरिक्त एफडीआई की आवश्यकता है।
In last 5 years, Telecommunications and Computer Software & Hardware have been among the top FDI attracting sectors in India. With new corporate tax regime & push for Make In India, telecom hardware manufacturing is going to be an important area for growth. #InvestDigicom2019 pic.twitter.com/33HjY93tp1
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) September 24, 2019
नई दिल्ली में इन्वेस्ट डिजिकॉम 2019 को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती ने भारत को एफडीआई के लिए अधिक आकर्षक गंतव्य बना दिया है। विनिर्माण के क्षेत्र में दी गई टैक्स छूट से भारत में वियतनाम और थाइलैंड के समान समान कर व्यवस्था हो गई है। एप्पल जैसी कंपनियों के लिए भारत एक बड़ा बाजार है। यह कंपनियां यहां निर्माण कर सकती है और बड़े पैमाने पर निर्यात भी कर सकती है। एप्पल ने भारत में उत्पादन शुरू कर दिया है।
केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान एफडीआई में बढ़ोत्तरी हुई है और वित्त वर्ष 2019 में 64 बिलियन डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश हुआ है। दूरसंचार के क्षेत्र में 2.67 बिलियन डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश हुआ है जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के क्षेत्र में 6.4 बिलियन डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश हुआ है।
प्रधानमंत्री के विज़न डिजिटल इंडिया के बारे में प्रसाद ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमता मशीन लर्निंग और आईओटी, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार (आईसीटी) क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 2024 तक पांच बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से संबंधित लक्ष्य में आईसीटी क्षेत्र की हिस्सेदारी एक ट्रिलियन डॉलर होने की संभावना है।
डिजिटल संचार आयोग के चेयरमैन तथा दूरसंचार विभाग के सचिव अंशु प्रकाश ने कहा कि क्षेत्र में निरंतर और दीर्घावधि निवेश की आवश्यकता है।
डीसीसी, दूरसंचार विभाग के सदस्य (वित्त) पी.के.सिन्हा ने दूरसंचार क्षेत्र में एफडीआई की पृष्ठभूमि के संबंध में जानकारी दी।
डीसीसी, दूरसंचार विभाग के सदस्य (प्रौद्योगिकी) पी.के.सिन्हा ने भी संबोधित किया तथा डॉट के सलाहकार (वित्त) दिलीप पाधे ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस कार्यक्रम में उद्योग जगत के प्रतिनिधि, तकनीकी विशेषज्ञ, वकील, अर्थशास्त्री, शिक्षा जगत और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।