नुकसान सिर्फ एएमयू का नही बल्कि पूरी क़ौम और पूरे मुल्क का होगा : हुजैफा आमिर रशादी

अलीगढ़ । एएमयू के मौजूदा हालात पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के सेक्रेटरी हुजैफा आमिर रशादी का मुल्क और क़ौम के नाम पैग़ाम
दोस्तों,
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाही व बरकातुहू,
आज जब पूरे मुल्क में मज़लूमों की आवाज़ दबाई जा रही है, मॉब लिंचिंग, ट्रिपल तलाक़, UAPA जैसे मामलों से पूरी क़ौम को नुकसान पहुंचाने की प्लानिंग ही रही है। ऐसे हालात में जबकी ज़रूरत थी कि और मुल्क भर के लोगों को उम्मीद भी थी कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से इन हालात के खिलाफ एक मुत्तहिदा आवाज़ उठेगी और सबको लेकर एक लाहे अमल तैयार होगा तो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की सरहद के अंदर ही अपने संघी आकाओं को खुश करने के लिए इन्तेज़ामिया के ज़रिए संघ के इशारे पर यहाँ से उठने वाली हर आवाज़ का गला घोंट देने की साज़िश शुरू कर दी गयी है।
आज जबकि हम सब को एक होकर बाहरी दुश्मनों से लड़ना था तो आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी इंतेज़ामिया ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से उठने वाली तलबा की हर मज़बूत आवाज़ को दबाने की साज़िश शुरू कर दी है। कल मुझ पे झूठा मुक़दमा लिखवा दिया गया, आज सुबह नायब सदर हमज़ा सुफ़ियान को सस्पेंड कर दिया गया और अभी कुछ देर पहले मुझे भी सस्पेंड कर दिया गया है। 24 घण्टे में के अंदर आखिर ऐसा क्या हो गया कि इतनी जल्दबाज़ी में कार्यवाही की जा रही है, यकीन जानिए ये एक गहरी साज़िश का हिस्सा है, ये कार्यवाही मेरी या हमज़ा या किसी एक फर्द की आवाज़ दबाने को नही है बल्कि ये इस चमन से उठने वाली हर उस सदा को दबाने कि साज़िश है जो मुल्क में कहीं भी हो रहे ज़ुल्म के खिलाफ मज़लूमो की आवाज़ बनती है। उन्हें पता है कि अलीग ज़िंदा क़ौम है और इसलिए इन्हें इनकी सरहद में ही समेट दो।
इंतेजामिया के इस ज़ुल्म से हम घबराने वाले नही हैं और संघर्ष करते रहेंगे पर अब आप आम स्टूडेंट्स को फैसला करना है कि आप किस तरफ हैं? उस ज़ालिम इंतेजामिया की तरफ जिसने उस वक़्त संघ के इशारे पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की आवाज़ को दबाने की साज़िश रची है जब पूरे मुल्क और क़ौम को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की आवाज़ की ज़रूरत थी या उस तरफ की जहां आपकी आवाज हमारी आवाज़ से मिलकर हक़ की सदा को और बुलन्द करेगी। फैसला आपको करना है, अगर आज आप चूक गए तो यकीन जानिए इस मुश्किल हालात में मुल्क तक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की एक मुत्तहिदा मज़बूत आवाज़ से महरूम होगा ही चमन ए सय्यद भी गूंगा बना दिया जाएगा क्योंकि आने वाले वक्त में गर कोई भी आवाज़ इन्तेज़ामिया के ज़ुल्म के खिलाफ उठी तो उसे ऐसे ही ज़ोर और ज़ुल्म के सहारे दबा देने की कोशिश की जाएगी और फिर कोई दूसरा हिम्मत नही कर सकेगा आपकी आवाज उठाने की और ये नुकसान सिर्फ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का नही बल्कि पूरी क़ौम और पूरे मुल्क का होगा।
हम सब तलबा लीडरान चुंगी गेट पर बिना बारिश व गर्मी की फिक्र किये शाम से डटे हुए हैं और डटे रहेंगे भी अब आप को तय करना है कि आप किसके साथ डटे हुए हैं। आप सब से गुजारिश है कि ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में प्रोटेस्ट को जॉइन करें क्योंकि कल जब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की तारीख लिखी जाएगी तो लिखा जाएगा कि हम सब उस सफ में थे जिसने हक़ के लिए सर कटाना तो मंज़ूर किया पर झुकाना नही।
मैं बिका नही, मैं झुका नही,
कहीं छुप छुपा कर खड़ा नही,
मुझे उन सफों में तलाश कर,
जो डंटे हुए हैं महाज़ पर।
Huzaifa Aamir Rashadi
Honorary Secretary AMUSU
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