बाल मजदूरी हिंदुस्तान के लिए नासूर
ढाबों-होटलों, ईंट-भट्टों और खेत खलिहानों से लेकर कल-कारखानों में काम कर रहे लाखों बच्चों के लिए आज आजादी के कोई मायने नहीं हैं।
ढाबों-होटलों, ईंट-भट्टों और खेत खलिहानों से लेकर कल-कारखानों में काम कर रहे लाखों बच्चों के लिए आज आजादी के कोई मायने नहीं हैं।
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