समाजसेवी ने लिया स्वामी विवेकानंद के पद चिह्नों पर चलने का संकल्प

समाजसेवी ने लिया स्वामी विवेकानंद के पद चिह्नों पर चलने का संकल्प

मुजफ्फरनगर। समाजसेवी मनीष चौधरी ने स्वामी विवेकानंद की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हुए उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि भारत के आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदांत दर्शन का ज्ञान स्वामी विवेकानंद ने ही अमेरिका और यूरोप तक पहुंचाया था। आज सभी युवाओं को उनके बताये रास्ते पर चलने की आवश्यकता है।

सुविख्यात आध्यात्मिक गुरू, युवाओं के प्रेरणा स्रोत, भारत के गौरव स्वामी विवेकानंद की जयंती एवं राष्ट्रीय युवा दिवस के पावन मौके पर समाजसेवी मनीष चौधरी स्वामी विवेकानंद की मूर्ति पर पहुंचे। उन्होंने विवेकानंद की मूर्ति पर माल्यार्पण किया और उनके बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवा शक्ति को जगाने का कार्य किया। इतना ही नहीं, उन्होंने विदेशों में भी भारतीय संस्कृति का डंका बजाया है। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में वर्ष 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदांत दर्शन अमेरिका और यूरोप में स्वामी विवेकानन्द के कारण ही पहुंचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी, जो आज भी अपना बखूबी कार्य कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें सिर्फ 2 मिनट का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने अपनी विशिष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए उक्त दो मिनटों में भारतीय संस्कृति का परचम लहरा दिया था।

उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत 'मेरे अमेरिकी बहनों एवं भाइयों' के साथ की थी, जिसको आज भी याद किया जाता है। उनके इसी वक्तव्य ने सभी का दिल जीत लिया था। इस अवसर पर मुख्य रूप से भाजपा जिला मंत्री सुधीर खटीक, सुरेंद्र मित्तल, मौहम्मद सलीम, अनुराग सिंघल, मनीष चौधरी उर्फ गोलू, कुणाल चौधरी उर्फ लक्की, विक्की चावला, अमित रावल, लक्ष्मण शर्मा आदि मौजूद रहे।




epmty
epmty
Top