स्कूल पहुंचे छात्र-छात्राओं ने जोडे हाथ-करी कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना

स्कूल पहुंचे छात्र-छात्राओं ने जोडे हाथ-करी कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना

मुजफ्फरनगर। कोई भी समाज व राष्ट्र अच्छे संस्कारों से महान बनता है। संस्कार दो प्रकार के होते हैं अच्छे या बुरे। बच्चे की प्रथम पाठशाला उसका परिवार होती है। जहां माता प्रथम गुरू और पिता उसका दूसरा गुरू होता है तथा तीसरा गुरु आचार्य होता है जहां बच्चा शिक्षा ग्रहण करता है। यह तीनों ही गुरू समाज के दर्पण है। यदि आप समाज को देखना चाहते हैं तो इन तीनों को देख ले। यदि माता पिता और आचार्य ये तीनों सद्गुणी, सदाचारी, मेहनती , ईमानदार व चरित्रवान है तो समाज में भी उक्त सद्गुण परिलक्षित होंगे।

बुधवार को उक्त विचार योगाचार्य सुरेन्द्र पाल सिंह आर्य ने ग्रीन लैंड माडर्न जूनियर हाईस्कूल मुजफ्फरनगर में नये सत्र के शुभारंभ पर दिए। उन्होंने बताया कि हमारी संस्कृति महान है। हम किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले उस परम पिता परमेश्वर को अवश्य याद करते हैं जिसने हम सब को पैदा किया है और पालन पोषण भी कर रहा है। आज लम्बे अरसे के बाद विद्यालय खुले है। विद्यालय के नए सत्र का शुभारंभ वेद मंत्रों से यज्ञ के द्वारा किया गया। यज्ञ में ईश्वर से प्रार्थना की गई कि हे ईश्वर आप सर्वव्यापक है ,सर्व अंतर्यामी है आप कृपा करके हमारे देश को इस कोरोना महामारी से मुक्त कर दीजिए, जिससे बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चलती रहे। कोरोना महामारी की वजह से बच्चों की पढाई सर्वाधिक प्रभावित हुई है। इस अवसर पर सभी बच्चों व शिक्षक- शिक्षिकाओ ने यज्ञ में आहुति देकर देश में शान्ति और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य सुरेन्द्र पाल सिंह आर्य रहे। यज्ञमान विद्यालय की छात्राएँ कु0ईशा व कु0 स्वाति रहीं ।अंत में राष्ट्रीय प्रार्थना और शांति पाठ से यज्ञ का समापन हुआ।




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