रेल रोको आंदोलनः किसान गुस्से में हैं- कुछ भी कर सकते हैं

रेल रोको आंदोलनः किसान गुस्से में हैं- कुछ भी कर सकते हैं

मुजफ्फरनगर। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आह्वान पर आज रेल रोको अभियान के तहत किसान रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान ने कहा किसान गुस्से में हैं, कुछ भी कर सकते हैं, इसलिए भाजपा नेता गांवों में न आएं।



कृषि बिलों की वापसी को लेकर किसानों के आंदोलन को चलते हुए लगभग तीन माह का समय हो चुका है। आज भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बड़ी संख्या में रेल रोकने का ऐलान किया था। राकेश टिकैत के आह्वान पर मुजफ्फरनगर में भी भाकियू कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान के नेतृत्व में रेलवे स्टेशन पर पहुंच गये और धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों को परजीवी तक कह दिया है, इससे नीचे और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसका परिणाम अवश्य ही भुगतना होगा।

केन्द्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान को जाटो को समझाने की जिम्मेदारी दी गई है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि विधायक और सांसद मजबूर हैं। उन्हें सरकार की बात माननी होगी। टाॅर्चर किया जा रहा है। विगत दिवस सिसौली में हुई पंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत द्वारा भाजपा नेताओं को किसी भी कार्यक्रम का निमंत्रण देने से मना किया गया था। साथ ही कहा गया था कि यदि निमंत्रण दिया, तो निमंत्रण देने वाले को सामाजिक दंड भुगतना होगा। इस पर धीरज लाटियान ने कहा कि भाजपा नेताओं का बहिष्कार नहीं किया गया है। बल्कि किसानों को कहा गया है कि वे भाजपा नेताओं को न बुलाएं। उन्होंने कहा कि किसान गुस्से में है, वे कुछ भी कर सकते हैं। पता नहीं किसान क्या कह दें, क्या कर दें। इसलिए किसानों से कहा गया है कि वे किसी भी भाजपा नेता को न बुलाएं।

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