बुडीना खुर्द गांव को विकास की राह पर अग्रसर करने में लगे हैं प्रधानपुत्र

बुडीना खुर्द गांव को विकास की राह पर अग्रसर करने में लगे हैं प्रधानपुत्र

मुजफ्फरनगर। शामली मुजफ्फरनगर रोड पर बसा बुडीना खुर्द गांव विकास की राह पर लगातार आगे बढ़ रहा है। जिसका श्रेय प्रधानपुत्र की जीवटता और उनके परिश्रम को जाता है। बघरा विकासखंड क्षेत्र के गांव बुडीना खुर्द दिशा और दशा लगातार बदल रही हैं। जिसका श्रेय ग्राम प्रधान खुर्शीदा बेगम के पुत्र हुसैन अहमद की जीवटता को जाता हैं, जो वकालत की पढाई में से समय निकालकर गांव वालों की सेवा करते हुए विकास कार्य कराते हैं।

दरअसल लगभग 5 वर्ष पूर्व गांव की दशा ठीक नहीं थी। कच्ची गलियों में खड़ंजें ना बने होने से पानी भरा रहता था। गांव के स्कूल में भी शैक्षिक सुविधाएं लगी थी। गलियों में अंधेरा रहने से लोगों को आने जाने में परेशानी होती थी। ऐसे में गांव में रहने वाली खुर्शीदा बेगम ने लोगों की परेशानियों को देखते हुए विकास का सपना संजोया और ग्राम प्रधान के चुनाव में उतर पड़ी। गांव वालों ने उनके सादेपन और जीवनशैली को देखकर चुनाव में भरपूर वोट देकर जिता दिया और खुर्शीदा बेगम ग्राम प्रधान बन गई। लेकिन व्यस्त घरेलू जीवन से वे ज्यादा समय नही निकाल सकी। जिससे गांव विकास का सपना उन्हे अधूरा रह जाता हुआ लगने लगा और वे अंदर ही अंदर परेशान सी रहने लगी।

वकालत की पढाई कर रहे बेटे हुसैन अहमद को जब मां की परेशानी का पता चला तो वह माता को दिलासा देते हुए उनके गांव विकास के सपने को पूरा करने में लग गये। वकालत की पढाई में से समय निकालकर गांव का विकास कराना इतना आसान काम नही था। लेकिन जीवटता के धनी प्रधानपुत्र ने तमाम हालातों से जूझते हुए माता के अधूरे रहते सपने को पूरा करने के लिए समय निकाला और लगन व मेहनत के साथ गांव विकास के अभियान में जुट गये। प्रधानपुत्र हुसैन अहमद की कडी मेहनत जल्द ही अपना रंग दिखाने लगी। आज इंटरलाकिंग गलिया, गंदे पानी की निकासी के लिए सुव्यवस्थित नालियां, साफ और स्वच्छ पानी के लिए स्कून और गांव के विभिन्न स्थानो पर आरओ.युक्त प्याऊं, घर-घर शौचालय, सभी पा़त्र लोगोें के राशन कार्ड, सभी पात्रों की पेंशन, गांव में पथ प्रकाश व्यव्स्था के लिए सोलर लाईटों के अलावा एलईडी.लाईटो ने गांव की दिशा ही बदलकर रख दी है।

वर्षो से परेशानी भरा जीवन जी रहे गांव वाले आज ग्रामप्रधान पुत्र हुसैन अहमद के सदप्रयासों की सराहना करते हुए उनकी प्रंशसा कियें बगैर नही रहते। युवा प्रधानपुत्र अभी और विकास का सपना अपने दिल के संजोये हुए है और माता खुर्शीदा को आराम देते हुए इस बार चुनाव मैदान में उतरकर अधूरे सपनों को पूरा करने का मन बनायें हुए है। यह पुधानपुत्र हुसैन अहमद द्वारा किये गये प्रयास ही थे कि राशन कार्ड और पेंशन बनने से लाॅकडाऊन के कठिन दौर में भी लोगों को अनाज और पैसे की किल्लत को झेलना नही पडा। इसके लिए गांव वाले ने प्रधानपुत्र को अपनी दुआओं से नवाजा है।

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