मां-बेटे ने नौकरी छोड़ किया रक्तदान

मुजफ्फरनगर। आज का आधुनिक समय, जहां किसी के पास किसी के लिए वक्त नहीं है। सभी को बस अपनी-अपनी पड़ी है। ऐसे समय में यदि कोई अपनी नौकरी छोड़कर किसी की मदद करे, तो इससे बड़ा शायद कोई करिश्मा नहीं हो सकता। ऐसा ही बेमिसाल कार्य गांधी काॅलोनी निवासी मां-बेटे ने किया है। धन्य है यह परिवार, जो किसी की जरूरत को अपनी जरूरत समझते हुए, हमेशा मदद के लिए तैयार रहता है।


सहारनपुर निवासी एक महिला का रविवार को रसौली का ऑपरेशन होना है। ऑपरेशन से पूर्व चिकित्सक ने दो यूनिट ब्लड का इंतजाम करने के लिए कहा था। ब्लड का इंतजाम करना, कोई ज्यादा मुश्किल काम नहीं है, लेकिन अगर ब्लड ग्रुप बी-निगेटिव हो तो शायद इससे भारी काम भी कोई नहीं है। क्योंकि बी-निगेटिव ब्लड ग्रुप बहुत ही रेयर होता है।

महिला को ब्लड की आवश्यकता है, इस बात की जानकारी जब समर्पित युवा केन्द्र के सदस्य अमित पटपटिया को मिली, तो उन्होंने कहा कि वे शायद इसमें मदद कर सकते हैं। समर्पित युवा केन्द्र समाज सेवा के क्षेत्र में हमेशा से ही अग्रणी रहता है और समय-समय पर रक्तदान शिविर भी केन्द्र द्वारा लगाये जाते हैं। उन्होंने बी-निगेेटिव ब्लड की उपलब्धता के संबंध में जब अपने सदस्यों के सामने बात रखी, तो गांधी काॅलोनी निवासी पूनम ने कहा कि उनका ग्रुप यही है और उनके बेटे का भी ग्रुप भी बी निगेटिव ही है।

आज मां पूनम व उनके बेटे गौरव, जो कि प्राईवेट नौकरी करते हैं, अपनी नौकरी से ब्रेक लेकर आये और रक्तदान किया। जरूरतमंद महिला के परिजनों ने दोनों मां-बेटों का दिल से धन्यवाद अदा किया। अमित पटपटिया ने बताया कि पूनम व उनका बेटा गौरव दोनों ही समाजसेवा के क्षेत्र में अग्रणी रहते हैं। जैसे ही तीन माह पूर्ण होते हैं, पूनम का फोन आ जाता है कि कहां रक्तदान करना है। पूनम ने छठवीं व गौरव ने इस बार दूसरी बार रक्तदान किया। उन्होंने कहा कि धन्य है पूनम, जिन्होंने अपने बच्चों को भी ऐसे संस्कार दिये हैं कि वे दूसरों की सहायता कर सकें। उन्होंने कहा कि सभी माताओं को अपने बच्चों को इसी तरह के संस्कार देने चाहिए और हरदम एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार रहना चाहिए।

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