चौरी-चौरा महोत्सव में शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित

चौरी-चौरा महोत्सव में शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित

मुजफ्फरनगर। आजादी के आंदोलन के वक्त घटी ऐतिहासिक चौरी-चौरा घटना का शताब्दी समारोह धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समारोह को संबोधित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।


दरअसल उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार देश की आजादी के लिए क्रांतिकारियों द्वारा किये गये संघर्ष के दौरान हुए चौरी-चौरा कांड के सौ बरस पूरे होने पर इस वर्ष को चौरी-चौरा महोत्सव के रूप में को जोर-शोर से मना रही है। बृृहस्पतिवार को शहर के मेरठ रोड स्थित नुमाईश मैदान में प्रशासन द्वारा आयोजित किये गये समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया है। बृहस्पतिवार से शुरू हुए शताब्दी समारोह को अगले एक साल तक मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गये चौरी-चौरा महोत्सव के बाद नुमाईश मैदान में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शहर के विभिन्न स्कूल और काॅलेजों के छात्र-छात्राओं ने शानदार प्रस्तुतियां दी। देश के शहिदों के परिजनों को जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने माल्यार्पण करते हुए सम्मानित किया।

इस मौके पर खतौली विधायक विक्रम सिंह सैनी ने कहा कि भाजपा देशभक्त पार्टी है जो देश की आजादी के लिए संघर्ष करते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले अमर शहीदों और क्रांतिकारियो को पूरा-सम्मान देती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार के अलावा प्रदेश की किसी भी अन्य सरकार ने शहीदों और उनके परिवारजनों को इतना मान-सम्मान नही दिया। आयोजन में जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे, एसएसपी अभिषेक यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, खतौली विधायक विक्रम सैनी, मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार यादव, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आलोक कुमार, पुलिस अधीक्षक नगर अर्पित विजयवर्गीय, नगर पालिका अध्यक्ष अंजू अग्रवाल, जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम, उपजिलाधिकारी सदर दीपक कुमार, उपजिलाधिकारी अजय अम्बष्ट, सिटी कुलदीप सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी व अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे। गौरतलब है कि साल 1922 में चौरी-चौरा में स्वतंत्रता सेनानियों ने पुलिस चौकी में आग लगा दी थी। इसी घटना के बाद महात्मा गांधी ने अपने असहयोग आंदोलन को खत्म कर दिया था।



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