हिंदुत्ववादी गौरक्षों पर किया जा रहा अत्याचार-बिट्टू सिखेड़ा

मुज़फ़्फ़रनगर। गौ रक्षक कहे जाने वाले सुरेंद्र राणा की गिरफ्तारी का मामला अब बढ़ता ही जा रहा है। मुज़फ्फरनगर जनपद के शिवसेना जिला प्रमुख बिट्टू सिखेड़ा ने पत्रकारों से बात चीत में बताया कि "छोटे व्यापारी द्वारा कोरोना कर्फ्यू पर सवाल उठाने व सीएम पर टिप्पणी करने के बाद बाद जेल भेजे गए गौ रक्षक सुरेंद्र राणा की गिरफ्तारी निंदनीय है। देशभर के गौभक्त व हिंदू संगठन गिरफ्तार किए गए युवा सुरेंद्र राणा के पक्ष में उतर आए हैं। वहीं उन्होंने गिरफ्तारी को दुर्भावना से प्रेरित करार दिया है। बृहस्पतिवार को मुजफ्फरनगर में प्रेस विज्ञप्ति करते हुए शिवसेना जिला प्रमुख बिट्टू सिखेड़ा ने जहां सरकार पर निशाना साधा, वहीं भाजपा को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने नालागढ़ के एक छोटे दुकानदार सुरेंद्र राणा के एक सवाल का वीडियो वायरल होने पर बीजेपी पार्टी तथा प्रशासन द्वारा उसको प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक अपराध पर दो बार एफआईआर और एक में जमानत और दूसरे में 14 दिन का रिमांड किस संविधान के तहत किया गया?
मूलतः सुजानपुर (हमीरपुर) का रहने वाला सुरेंद्र राणा एक गौ भक्त और सामाजिक कार्यकर्ता भी है। सुरेंद्र फुटकर समान की दुकान चलाकर अपना व अपने परिवार का पेट पालता है। उसने 18 मई को बद्दी में एक वीडियो में मुख्यमंत्री और प्रशासन से कोविड लॉकॉउन पर कुछ सवाल किए जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी की गई। बिट्टू सिखेड़ा ने कहा कि आवेश में आकर गौभक्त सुरेन्द्र राणा ने तीखे शब्द भी बोले। जिसके लिए उसने 19 मई को दोबारा नालागढ़ के बाजार में वीडियो बनाया। जिसमें उसने पिछले वीडियो में की गई अभद्र भाषा के लिए क्षमा भी मांगी और फिर से सरकार और प्रशासन से सवाल किया कि लॉकडाऊन में सब दुकानें थोडे-थाड़े समय के लिए खोली जाए। ताकि सबका गुजारा हो सके। जिसके सन्दर्भ में हिमाचल की बद्दी पुलिस ने उसको 20 मई रात को गिरफ्तार किया और 21 मई को कोर्ट ने उसको जमानत पर रिहा कर दिया। यहां तक की कार्यवाही न्यायसंगत थी। राज्य उप-प्रमुख प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि इसके बाद सुरेंद्र राणा का एक बहुत पुराना वीडियो एक दूसरी आइडी से वायरल करके उस पर झूठा मुकदमा दर्ज करके झूठी धाराएं लगाकर रविवार को फिर से नालागढ़ पुलिस द्वारा फिर से रविवार को गिरफ्तार करके कोर्ट ने उसको 14 दिन का रिमांड पर भेज दिया।