बिजलीकर्मियों को फ्रंट लाईन वर्कर घोषित करे सरकार-होगा आंदोलन

बिजलीकर्मियों को फ्रंट लाईन वर्कर घोषित करे सरकार-होगा आंदोलन

मुजफ्फरनगर। बिजली कर्मचारियों ने फ्रन्ट लाइन वर्कर घोषित कर सभी बिजलीकर्मियों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर वैक्सीन लगाने और मृत कर्मियों के परिजनों को शीघ्रातिशीघ्र 50 लाख रु का मुआवजा व नौकरी देने की मांग की है। सीएम को भेजे पत्र में कहा गया है कि कोरोना से लगभग 140 बिजली कर्मियों की मृत्यु से दहशत का वातावरण है। एक सप्ताह में सार्थक कार्यवाही न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गयी है।

बृहस्पतिवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन को नोटिस भेजकर मांग की है कि सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों , अभियंताओं और संविदा श्रमिकों को तत्काल फ्रन्ट लाइन वर्कर घोषित कर सभी बिजली कर्मियों व् संविदा श्रमिकों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर वैक्सीन लगाई जाये और मृत कर्मियों के परिजनों को शीघ्रातिशीघ्र 50 लाख रु के मुआवजा का भुगतान सुनिश्चित किया जाये तथा मृत कर्मियों के आश्रितों को उनकी योग्यतानुसार नौकरी दी जाये। संघर्ष समिति के द्वारा भेजे गये नोटिस में कहा गया है कि एक सप्ताह में सार्थक समाधान न होने पर बिजली कर्मी आंदोलन करने हेतु बाध्य होंगे।

संघर्ष समिति ने इस बाबत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की है। जिससे बिजली कर्मियों को न्याय मिल सके। संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों वी पी सिंह, प्रभात सिंह, जी वी पटेल, जय प्रकाश, गिरीश पांडेय, सदरुद्दीन राना, राजेंद्र घिल्डियाल, सुहेल आबिद, विनय शुक्ल, ब्रजेश त्रिपाठी, महेंद्र राय, राजपाल सिंह, शशिकांत श्रीवास्तव, उत्पल शंकर, प्रेमनाथ राय, ए के श्रीवास्तव, वी के सिंह कलहंस, सनाउल्लाह, सुनील प्रकाश पाल, कुलेन्द्र सिंह, मौ. वसीम शेख, विशम्भर सिंह, शम्भू रत्न दीक्षित, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, आर के सिंह, जी पी सिंह ने आज यहाँ जारी संयुक्त बयान में कोरोना संक्रमण के दौर में बिजली कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से प्रभावी कदम उठाने हेतु ऊर्जा निगमों को निर्देश देने की अपील की है।

संघर्ष समिति द्वारा प्रेषित पत्र में लिखा गया है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी मारक लहर के बीच बिजली कर्मी अस्पतालों व् आम लोगों को निर्बाध 24 घण्टे बिजली आपूर्ति करने में प्राणपण से जुटे हैं। अपना दायित्व निर्वाह करते हुए कई हजार बिजली कर्मी व् संविदा श्रमिक व उनके परिवार के लोग कोरोना संक्रमण से ग्रसित हो चुके हैं तथा कोरोना से लगभग 140 बिजली कर्मियों की मृत्यु हो चुकी है। जिसमे मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, जूनियर इंजीनियर, बिजली कर्मचारी और संविदा श्रमिक सम्मिलित हैं। इतने बड़े पैमाने पर बिजली कर्मियों की मृत्यु और संक्रमण होने से ऊर्जा निगमों में भय का वातावरण उत्पन्न हो गया है और ऊर्जा निगमों का असंवेदनशील प्रबंधन बिजली कर्मियों के हित संरक्षित करने में पूरी तरह विफल साबित हुआ है। जिससे बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है।

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