समीर हत्याकांड के आरोपियों को नये साल के पहले ही दिन लगा तगड़ा झटका

समीर हत्याकांड के आरोपियों को नये साल के पहले ही दिन लगा तगड़ा झटका

मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर के चर्चित अधिवक्ता समीर सैफी हत्याकांड के आरोपियों के अरमानोें पर न्यायालय ने पानी फेरते हुए साल के पहले ही जमानत के लिए लगाई गई अर्जी खारिज कर दी।

शुक्रवार को शहर के मौहल्ला लददावाला निवासी अधिवक्ता समीर सैफी हत्याकांड में आरोपी सोनू उर्फ रिजवान व शालू उर्फ अरबाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला जज राजीव शर्मा ने दोनों की जमानत य रदद कर दी है। जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा व मृतक समीर सैफी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र शर्मा, अनिल जिंदल, ज्ञान कुमार, शाहबाज हसन व नाहिद परवीन ने आरोपियों की जमानत का कड़ा विरोध किया।


अभियोजन सूत्रों के अनुसार गत वर्ष 2019 की 15 अक्टूबर को नगर कोतवाली क्षेत्र के मौहल्ला लददावाला निवासी वकील समीर सैफी की चलती कार में गला घोंटकर बेरहमी से हत्या करने के बाद आरोपियों ने समीर के शव को भोपा थाना क्षेत्र के गांव सीकरी के जंगल में दबा दिया था। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने सिंगोल अलवी पुत्र मुत्तकी अलवी, सोनू उर्फ रिजवान, शालू उर्फ अरबाज व दिनेश को परिजनों की तहरीर पर नामजद किया था।

शुक्रवार को सिंगोल की जमानत अर्जी रद्द होने पर अधिवक्ताओं ने मिठाई बांटकर खुशियां मनाई। मृतक समीर पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान कुमार ने बताया कि इस मामले को हम सब अधिवक्ता उसके अंजाम तक पहुंचाकर मानेगें। हमने अपना एक युवा अधिवक्ता खोया है और जल्द ही गवाहों के बयान के आधार पर पुलिस द्वारा इस मामले से बाहर निकाले गए एक और आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर उसे कोर्ट में तलब कराएंगे।







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