अब व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास विभाग की किस्मत संवारेंगे कपिल देव अग्रवाल

अब व्यावसायिक शिक्षा और कौशल  विकास विभाग की किस्मत संवारेंगे कपिल देव अग्रवाल
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मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर में व्यापारी परिवार में जन्में और बचपन से आरएसएस की शाखाओं से जुड़कर क्षेत्र में भाजपा का एक मजबूत स्तम्भ बने कपिल देव अग्रवाल राजनीति में इतना बड़ा कद हो चुका है कि वे जनपद में ही नहीं, बल्कि प्रदेश का जाना-माना नाम बन चुके हैं।


उनकी काबलियत और पार्टी के प्रति निष्ठाभाव को पहचानकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कपिल देव अग्रवाल को प्रदेश में स्वतंत्र प्रभार के रूप में व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास की जिम्मेदारी सौंपी है।



यूपी में योगी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जनपद से यूपी में एक सुरेश राणा कैबिनेट मंत्री, कपिलदेव अग्रवाल स्वतंत्र प्रभार मंत्री व विजय कश्यप राज्य मंत्री सहित तीन विधायकों को मंत्री पद से नवाजा गया है। इसके साथ ही मुजफ्फरनगर से डा. संजीव बालियान केन्द्र में राज्य मंत्री हैं। इस तरह मुजफ्फरनगर में तीन मंत्रियों वाला वीआईपी जिला हो गया है।



बता दें कि उत्तर प्रदेश के समृद्ध शहरों में शुमार मुजफ्फरनगर में व्यवसायी रमेश चन्द्र अग्रवाल के घर छः जून 1965 को जन्में कपिल देव अग्रवाल अपने भाई आदित्य प्रकाश अग्रवाल व ललित अग्रवाल में सबसे बड़े हैं। उनका बचपन से ही भाजपा का थिंकटैंक में माने जाने वाले आरएसएस से गहरा लगाव रहा है। उन्होंने स्कूली दिनों से ही आरएसएस की शाखाओं में जाना आरम्भ कर दिया था। स्नातक की डिग्री प्राप्त के बाद 1975 से ऑफिसियल रूप से सक्रिय राजनीति में आये कपिल देव अग्रवाल मृदुल व्यक्तित्व वाले सरल भाषी नेता के रूप में जाने जाते हैं। पार्टी में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभा चुकने वाले कपिल देव अग्रवाल को अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी और खुद की महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने के लिए कौशल विकास एवं प्राविधिक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है।



कपिल देव अग्रवाल ने 2006 में नगरपालिका चेयरमैन पद का चुनाव लडा और अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी सपा नेता राशिद सिद्दीकी को लगभग 27 हजार वोट से हराकर नगर के प्रथम नागरिक बन गये। अपने कार्यकाल में कपिल देव अग्रवाल ने नगर को चार चांद लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। 2016 में समाजवादी पार्टी के सदर विधायक एवं तत्कालीन मंत्री चितरंजन स्वरूप के निधन के बाद हुए विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने सहानुभूति लहर को देखते हुए चितरंजन स्वरूप के पुत्र गौरवस्वरूप को टिकट दिया, जिसके सामने कपिलदेव अग्रवाल चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा की दहलीज में दाखिल हो गये। इसके बाद उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के गौरव स्वरूप को हराकर शहर विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा और शायद इसी का इनाम उन्हें प्रदेश में स्वतंत्र प्रभार मंत्री बनाकर दिया गया है।



बता दें कि प्रदेश में कुशल कर्मकार तैयार करने और उन्हे व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार योग्य बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2009-10 में पृथक रुप से व्यावसायिक शिक्षा विभाग का गठन किया था। इसके बाद वर्ष 2013-14 में कौशल विकास को इसमें सम्मिलित करके इस विभाग का नाम व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग कर दिया गया था। इसके तहत प्रदेश में कुल 286 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हैं, जिनमें से 48 संस्थानों में महिला शाखा भी संचालित हैं। इन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की कुल प्रशिक्षण क्षमता 1,25,960 सीटों की है। प्रदेश सरकार द्वारा उद्योगो में प्रयोग में लाये जा रहे विभिन्न व्यावसायिक कौशलों का ज्ञान आईटीआई में प्रशिक्षणरत प्रशिक्षार्थियों को उपलब्ध कराये जाने की दृष्टि से एनटीपीसी, भारत इलेक्ट्रानिक्स लि0, मेजा ऊर्जा, रिलायन्स पावर, टाटा मोटर्स, मारुति-सुजुकी, टोयोटा मोटर्स तथा राॅयल एनफील्ड आदि से एमओयू के माध्यम से सहभागिता की गयी है। कौशल विकास का उद्देश्य देश में त्वरित एवं समाहित विकास निम्न माध्यम से प्राप्त करने में सहयोग प्रदान करना है तथा इसका मिशन राष्ट्रीय कौशल विकास पहल सभी व्यक्तियों को कौशल के विकास, ज्ञान, राष्ट्रीयता और अच्छा रोजगार प्राप्त करने के लिये अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त योग्यता तथा वैश्विक बाजार में भारतीय प्रतिस्पर्धा को सशक्त बनाना है। विभाग का लक्ष्य 14-35 आयु वर्ग के सभी पात्र युवाओं को उनकी पसंद के ट्रेडों में प्रशिक्षित करने के लिए, अकुशल और अर्ध कुशल कार्यबल के कौशल के अधिग्रहण और उन्नयन के लिए सुविधाएं प्रदान करना, कमजोर वर्ग के लिए प्रावधान को सक्षम करना है।
अब आशा की जा रही है कि कौशल विकास एवं प्राविधिक शिक्षा विभाग अपने मुखिया के रूप में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री कपिल देव के नेतृत्व में सभी व्यक्तियों को कौशल के विकास, ज्ञान, राष्ट्रीयता और अच्छा रोजगार प्राप्त करने के लिये अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त योग्यता तथा वैश्विक बाजार में उत्तर प्रदेश की प्रतिस्पर्धा को सशक्त बनायेगा।



व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास के नवनियुक्त स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल की मानें तो व्यक्तिगत रोजगार की क्षमता में वृद्धि और परिवर्तनीय तकनीकी व श्रम बाजार की मांग को अंगीकृत करने की क्षमता सहित उत्पादकता और व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार व कौशल विकास के क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना उनका प्रथम लक्ष्य होगा।

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