पूर्व मंत्री चितरंजन स्वरुप उर्फ चचा चित्तो की पुण्य-तिथि आज

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मुजफ्फरनगर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नगर विकास राज्य मंत्री चितरंजन स्वरूप को आज उनकी पुण्यतिथि पर नेताओं और कार्यकर्ताओं और शहर के गणमान्य नागरिकों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।





बता दें कि 19 अगस्त 2015 को वरिष्ठ वैश्य नेता समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे पूर्व राज्यमंत्री चितरंजन स्वरुप ने आज ही के दिन लंबी बीमारी के बाद गुडगांव के मेदांता मेडिसिटी में सुबह 11.45 बजे आखिरी सांस ली थी। उनके निधन पर तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव समेत अनेक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी थी और विधानसभा में भी चितरंजन स्वरुप को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। यहां नगर पालिका में भी शोक सभा के बाद अवकाश घोषित कर दिया गया था।








एक बार मेरठ के स्थित चैंबर्स आफ कामर्स सभागार में आयोजित विचार गोष्ठी में बतौर राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप ने डा.मनोहर लोहिया का उदाहरण पेश करते हुए कहा था कि जुल्म सहना जुल्म करने से भी बड़ा पाप है। जुल्म सहने से भी जालिम की मदद होती है। उन्होंने कहा था कि राम मनोहर लोहिया एक भारतीय विचारधारा का नाम था।






राज्यमंत्री चितरंजन स्वरुप का जन्म 9 मार्च 1946 को मुजफ्फरनगर में महेश चन्द के पुत्र रूप में हुआ था। उनके बडे भाई विष्णु स्वरूप वर्ष 1967 में विधायक चुने गये थे, इससे पूर्व वे नगर पालिका के तीन बार सभासद भी रहे थे। चितंरजन स्वरूप के बडे भाई विष्णु स्वरूप का 1987 में निधन हो गया था। इससे पूर्व ही चितरंजन स्वरूप 1974 में पहली बार यहीं से विधायक चुने गए थे।



यादगार  फ़ोटो जब चितरंजन स्वरूप 1974 में पहली बार विधायक बने थेयादगार फ़ोटो जब चितरंजन स्वरूप 1974 में पहली बार विधायक बने थे


यूपी सरकार में दो बार मंत्री रह चुके चितरंजन स्वरुप सबसे पहले कांग्रेस से जुड़े। इसके बाद 2002 और 2012 में भी वे विधायक चुने गए। चितरंजन स्वरुप नेता के साथ-साथ बड़े उधोगपति भी थे। इनके परिवार को स्वरुप खानदान के नाम से भी जाना जाता है। आज भी मुजफ्फरनगर की जनता उन्हें चाचा चित्तो के नाम से जानती है। चितंरजन स्वरूप वर्ष 2003 में मुलायम सिंह यादव मंत्रिमंडल में संस्थागत वित्त राज्य मंत्री तथा बाद में यूपी आवास विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे थे। इसके बाद वे अखिलेश यादव मंत्रिमंडल में नगर विकास, संसदीय कार्य समेत 11 विभागों के राज्यमंत्री रहे थे। उनके परिवार में अब उनकी पत्नी सहित तीन पुत्र गौरव स्वरूप, विकास स्वरूप व सौरभ स्वरूप हैं।

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