अयोध्या में लता दीदी की वीणा

अयोध्या में लता दीदी की वीणा

अयोध्या। भारत की स्वर कोकिला के नाम से बिख्यात लता मंगेशकर की जयंती पर मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम की जन्म स्थली अयोध्या में एक अनूठा स्मारक बनाया गया है। स्वनाम धन्य लोगों की प्रतिमा बनायी जाती है, उनके नाम पर संग्रहालय, वाचनालय और स्टेडियम तक बनते हैं। इसीक्रम में लता दीदी की स्मृति में अयोध्या के एक चौक में भव्य वीणा बनायी गयी है। इसका उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहाकि अयोध्या के भव्य मंदिर में श्री राम आने वाले है, उससे पहले करोड़ों लोगों में राम नाम की प्राण प्रतिष्ठा करने वाली लता दीदी का नाम अयोध्या में प्रतिष्ठित हो गया है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार ने यह अनूठा कार्य भी शारदीय नवरात्र में सम्पन्न कराया है। नवरात्र देवी उपासना का पर्व होते हैं और देवी नारी शक्ति की ही प्रतीक हैं। दैत्यों और असुरों से जब देवता पराजित हो गये थे, तब देवताओं से ही निकली शक्ति स्वरूपा महिषासुर मर्दिनी ने रक्त बीज समेत शुंभ और निशुंभ का भी संहार किया था। नवरात्र में नारी जगत को सम्मान देने का अपना महत्व है। योगी की सरकार ने 22 सितंबर को विधान सभा में भी इसी नारी शक्ति को सम्मानित करते हुए पूरे सत्र को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया था। अब अयोध्या में लता दीदी की स्मृतियों को अक्षुण्ण किया गया है। इस कार्यक्रम में फिल्म जगत की कई हस्तियां भी मौजूद थीं। गायक शैलेन्द्र सिंह को इसी दिन लता मंगेशकर सम्मान से नवाजा गया।

लता मंगेशकर भारत की सबसे प्रतिष्ठित पार्श्व गायिका रहीं, दुनिया भर में उनके करोड़ों प्रशंसक हैं जो लता जी को माता सरस्वती का अवतार मानते है। लता जी ने 36 से ज्यादा भाषाओं में हजारों गीत गाए हैं। हिन्दी फिल्मों में ही उनके एक हजार से ज्यादा गीत है। लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को इंदौर में हुआ था जो कि मध्य प्रदेश में स्थित है। वे पंडित दीना नाथ मंगेशकर और शेवंती की बड़ी बेटी थीं। शेवंती उनकी दूसरी पत्नी थीं। पहली पत्नी का नाम नर्मदा था। नर्मदा की मौत हो गयी तो उनकी छोटी बहन शेवंती से दीनानाथ की शादी कर दी गयी। लता के जन्म के समय उनका नाम हेमा रखा गया था, जिसे बदल कर लता कर दिया गया। यह नाम उनके पिता दीनानाथ ने अपने एक नाटक भावबंधन में एक महिला किरदार लतिका के नाम से चयन किया था। लता के बाद आशा, ऊषा और हृदयनाथ का जन्म हुआ था। लता मंगेशकर को अपनी बहनों से बहुत लगाव था। बताते हैं बचपन में लता जी अपने साथ आशा मंगेशकर को स्कूल ले गयीं। टीचर ने आशा को कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी। बस लता जी को गुस्सा आ गया और वे टीचर से भिड़ गयी। इसके बाद वे कभी स्कूल नहीं गयीं। घर पर ही सब कुछ सीखा।

मात्र 13 वर्ष की उम्र में अर्थात 1942 में उनके पिता दीनानाथ जी की मृत्यु हो गयी और परिवार चलाने का भार लता जी पर आ गया। नवयुग चित्रपट मूवी कंपनी के मालिक मास्टर विनायक व मंगेशकर परिवार के अन्य शुभ चिंतकों ने लता जी को पहले अभिनय और बाद में गायन के क्षेत्र में प्रतिष्ठित करने में मदद की थी। इसी वर्ष 6 फरवरी को लता मंगेशकर का मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था।

महान गायिका लता मंगेशकर को उनकी 93वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक प्रमुख चौराहे पर 14 टन वजन वाली और 40 फुट वीणा की मूर्ति स्थापित की गई है। पीएम मोदी ने इस चौक का वर्चुअल उद्घाटन किया। इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पर्यटन मंत्री इस कार्यक्रम में शिरकत की। पीएम मोदी ने ट्वीट किया। लता दीदी की जयंती पर उन्हें नमन। ऐसा बहुत कुछ है, जो मुझे याद है... अनगिनत बातचीत जिनमें उन्होंने इतना स्नेह बरसाया। मुझे खुशी है कि आज अयोध्या में एक चौक का नाम उनके नाम पर रखा जा रहा है। महानतम भारतीय शख्सियत को सच्ची श्रद्धांजलि। भारतरत्न लता मंगेशकर की जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने लता दीदी को खास तरीके से याद किया। मोदी ने कहा, लता दीदी के नाम पर बना चौक, हमारे देश में कला जगत से जुड़े लोगों के लिए भी प्रेरणा स्थली की तरह कार्य करेगा। ये बताएगा कि भारत की जड़ों से जुड़े रहकर, आधुनिकता की ओर बढ़ते हुए, भारत की कला और संस्कृति को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाना, ये भी हमारा कर्तव्य है।

पीएम ने कहा, लता दीदी का जन्मदिन हमेशा के लिए प्रेरणा देते रहेगा। साथ ही अयोध्या को और भव्य बनाया जाएगा। लता दीदी ने नाम से बनाया गया चौक कला जगत के लोगों को प्रेरित करेगा। लता दीदी के साथ जुड़ी मेरी कितनी ही यादें हैं, कितनी ही भावुक और स्नेहिल स्मृतियां हैं। जब भी मेरी उनसे बात होती, उनकी वाणी की युग-परिचित मिठास हर बार मुझे मंत्र-मुग्ध कर देती थी।

मोदी ने कहा, अयोध्या के भव्य मंदिर में श्रीराम आने वाले हैं। उससे पहले करोड़ों लोगों में राम नाम की प्राण प्रतिष्ठा करने वाली लता दीदी का नाम, अयोध्या शहर के साथ हमेशा के लिए स्थापित हो गया है। पीएम मोदी ने कहा कि जब राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन संपन्न हुआ था तो मेरे पास लता दीदी का फोन आया था। वह बहुत खुश थीं, भावुक थीं और मुझे आशीर्वाद दे रही थी।

इसी अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार बॉलीवुड के गायक शैलेंद्र सिंह को लता मंगेशकर अलंकरण से सम्मानित किया। संगीतकार जोड़ी आनंद-मिलिंद को भी यह सम्मान मिला। लता मंगेशकर की जन्मस्थली इंदौर में राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान समारोह हुआ। सन 1972 में सिर्फ 19 साल की उम्र में प्लेबैक सिंगर के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले शैलेंद्र सिंह बॉलीवुड के ऐसे गायक हैं जिन्होंने सैकड़ों, हजारों गीत तो नहीं गाए, लेकिन जो गाया वो यादगार बन गया। उनके सुरों से सजे गाने उनके चाहने वालों के जहन में हमेशा मधुरता का रस घोलते हैं। शैलेंद्र सिंह ने लता मंगेशकर अलंकरण मिलने पर कहा कि, अफसोस यह है कि 37 साल बाद मुझे यह अवार्ड दिया जा रहा है। मैं 38 साल पहले लता जी के साथ शो करने के लिए इंदौर गया था तो उसी दिन स्टेज पर तब के सीएम अर्जुन सिंह ने एनाउंस किया था कि अगले साल से हम लता मंगेशकर अवार्ड शुरू कर रहे हैं। मुझे उसके 37 साल बाद यह मिल रहा है। खैर कहते हैं न देर आय दुरुस्त आए... मिला तो सही। शैलेंद्र सिंह ने लता मंगेशकर के साथ भी गाने गाए। लता जी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, उनके बारे में मैं क्या बताऊं, मैं तो बहुत छोटा हूं। इतनी बड़ी शख्सियत और उनके टैलेंट के बारे में तो मैं नहीं समझता हूं कि कुछ बोलना चाहिए, मैं बहुत छोटा हूं। लेकिन उनके टैलेंट के बारे में तो दुनिया जानती है। सिंगिंग के बारे में तो मैं कुछ बोलना ही नहीं चाहता, एवरीवन नोज... किस कैलिवर की सिंगर थीं वो... और कितनी इम्पारटेंट थीं हम लोगों के लिए... लेकिन मैं बहुत लकी हूं कि मैंने अपनी पहली फिल्म बॉबी में ही उनके साथ डुएट्स गाए। (हिफी)

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