फिल्मों ने किया समाज सुधार का आह्वान

मुंबई। एक समय था जब ज्यादातर हिंदी फिल्में महज पैसा कमाने को ध्यान में रखकर बनाई जा रही थी। उन्हें किसी फार्मूले की तलाश रहती थी, जो बॉक्स आफिस पर किसी तरह क्लिक कर जाए और अच्छा पैसा कमा कर दे दे, लेकिन पिछले कुछ समय से समाज सुधार के लिए जागरुकता फैलाने वाली फिल्में खूब बनाई जा रही हैं और इसमें बॉलीवुड के बड़े सितारे भी हिस्सा ले रहे है। इनके माध्यम से लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए सामाजिक मुद्दों को उठाया जा रहा है।

अनपॉस्ड
ओटीटी पर रिलीज हुई अनपॉस्ड पांच शॉर्ट फिल्मों को मिलाकर बनाई गई है। श्अनपॉस्डश् कोरोनावायरस की थीम पर आधारित है। जो सीखाती है कि जिंदगी मे हर परेशानी का हल निकाला जा सकता है, चाहे वह कोरोना जैसी महामारी ही क्यों ना हो। फिल्म को राज और डीके, निखिल आडवानी, तनिष्ठा चटर्जी, अविनाश अरुण और नित्या मेहरा ने डायरेक्ट किया है। अनपॉस्ड में आपको सुमित व्यास, ऋचा चड्ढा और अभिषेक बनर्जी जैसे स्टार्स देखने को मिलेंगे।

ब्लैक विडोज
ब्लैक विडोज में मोना सिंह, स्वस्तिका मुखर्जी और शमिता शेट्टी की जबरदस्त एक्टिंग देखने को मिलेगी। फिल्म घरेलू हिंसा से बाहर आकर अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करने के लिए जागरुक कर रही है। ब्लैक विडोज एक फिनिश शो पर आधारित है जिसमें घरेलू हिंसा की शिकार यह तीनों महिलाएं कैसे अपनी जिन्दगी अपने अनुसार जीना शुरू कर देती हैं यह दिखाया गया है।

टॉयलेट एक प्रेमकथा
शौचालय पर आधारित इस फिल्म में स्वच्छ भारत अभियान की झलक साफ देखने को मिलती है। देश के कई हिस्सो में आज भी महिलाएं खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं क्योंकि सरकारी अधिकारियों, बाबुओं की गड़बड़ी के चलते शौचालय का निर्माण अधर में लटक जाता है। ऐसे में फिल्म के मुख्य अभिनेता अक्षय कुमार पर जब इस कुरीति की मार पड़ती है तो वह गांव में शौचालय बनवाने के लिए नये-नये तरीके अपनाते हैं। फिल्म खुलेतौर पर महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी ये नसीहत देती हैं कि वह खुले में शौच करने की से बचे ताकि हेल्थ अच्छी रह सके।

सुई धागा
फिल्म सुई-धागा मेक इन इडिया अभियान को दर्शाती है। फिल्म के जरिए लोगों तक मेक इन इंडिया के संदेश को पहुंचाने की कोशिश की गई। फिल्म में अभिनेता वरुण धवन पत्नी अनुष्का शर्मा संग दिन-रात मेहनत कर खुद का बनाया हुआ उत्पाद बाजार में लाते है। शरत कटारिया निर्देशित फिल्म में मेड इन चाइना उत्पादों पर करारा तंज कसने की भी कोशिश की गई है।
इस प्रकार की कई अन्य फिल्में भी हैं।