भाजपा के मनसूबों को नहीं होने देंगे कामयाब: श्यामसुंदर सिंह

भाजपा के मनसूबों को नहीं होने देंगे कामयाब: श्यामसुंदर सिंह

झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी में समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी श्यामसुंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश व केन्द्र की तानाशाही सरकार के चलते जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी नामांकन नही भर पाया किन्तु 2022 के विधान सभा चुनाव मे उनको उनके मनसूबो मे कामयाब नही होने दिया जायेगा।

यहां पार्टी के प्रधान कार्यालय में समाजवादी पार्टी जिला कार्यकारिणी की शनिवार को आयोजित मासिक बैठक निवर्तमान जिलाध्यक्ष महेश कश्यप की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुई। बैठक के मुख्य अतिथि पूर्व एमएलसी श्याम सुन्दर सिंह ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश व केन्द्र की तानाशाही सरकार के चलते जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी नामांकन नही भर पाया किन्तु 2022 के विधान सभा चुनाव मे उनको उनके मनसूबो मे कामयाब नही होने दिया जायेगा ।पार्टी कार्यकर्ताओं ने सपा को बहुमत दिलाने के लिए अभी से कमर कस ली है ।

निवर्तमान जिलाध्यक्ष महेश ने कहा कि संगठन को धारदार बनाने की आवश्यकता है। आज भाजपा की जनविरोधी नीतियों दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के दमन के कारण सभी वर्गों के लोग फिर से अखिलेश यादव की सरकार बनाना चाहते हैं। दलित का विश्वास अन्य नेताओं से उठ गया है। जनता योगी को एक असफल मुख्यमंत्री बता रही है उनकी भाजपा सरकार हर मोर्चें पर विफल है। अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है।

बैठक के विशिष्ट अतिथि पूर्व जिलाध्यक्ष छत्रपाल सिंह यादव ने कहा कि भाजपा की तानाशाही के चलते आज देश प्रदेश के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। देश की रीढ़ कहे जाने वाले अन्नदाता का शोषण हो रहा है। भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ आज देश भर का किसान सड़क पर उतर कर आंदोलन कर रहा है, लेकिन सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान सरकार जनता को राहत प्रदान करने के बजाय उन्हें महंगाई की आग में झौंकने का काम कर रही है।

इस अवसर पर पूर्व महानगर अध्यक्ष मिर्जा करामत बेग, अबरार अली, संजय पाल, के के सिंह यादव, विश्व प्रताप सिंह, मेजर विजय चौरिया, अनिल सविता, सलमान पारीछा, डेनियल साईमन ने विचार व्यक्त किये। बैठक का संचालन आरिफ खान ने किया और आभार निवर्तमान जिला महासचिव के के सिंह यादव ने व्यक्त किया।

वार्ता

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