जिला पंचायतों में रजिस्टर्ड ठेकेदारों के अलावा दूसरे सरकारी विभागों कें रजिस्टर्ड ठेकेदारों को भी काम करने की अनुमति

लखनऊ । उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि जिला पंचायतों द्वारा निर्माण कार्यों एवं अन्य कार्यों के संबंध में आमंत्रित की जाने वाली निविदाओं में जिला पंचायतों में रजिस्टर्ड ठेकेदारों के अतिरिक्त सिंचाई विभाग/लोक निर्माण विभाग एवं ग्रामीण अभियंत्रण विभाग व अन्य सरकारी विभागों में पंजीकृत ठेकेदारों को भी प्रतिभाग किये जाने की अनुमति प्रदान की जाए, इससे ठेकदारों के मध्य प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी व प्रतिस्पर्धात्मक दरों का लाभ जिला पंचायतों को प्राप्त होगा।
प्रमुख सचिव पंचायतीराज अनुराग श्रीवास्तव ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर समस्त अध्यक्ष जिला पंचायत एवं अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत उ0प्र0 को आवाश्यक निर्देश दिये है। जारी शासनादेश के अनुसार प्रदेश की सभी जिला पंचायतों द्वारा निर्माण कार्यों एवं अन्य कार्यों के संबंध में आमंत्रित की जाने वाली निविदाओं में सभी जिला पंचायतों में रजिस्टर्ड ठेकेदारों के साथ-साथ सिंचाई विभाग एवं लोक निर्माण विभाग तथा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग व अन्य सरकारी विभागों में पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा भी प्रतिभाग किया जा सकता है। प्रदेश की जिला पंचायतों द्वारा आमंत्रित की जाने वाली निविदाओं में शासकीय विभागों में पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा उसी श्रेणी की निविदा में प्रतिभाग किया जायेगा जिस श्रेणी के लिए वह अपने विभाग में पंजीकृत है। ठेकेदार से न्यूनतम निविदा प्राप्त होने की दशा में संबंधित जिला पंचायत में पंजीकरण हेतु निर्धारित शुल्क डिमान्ड ड्राफ्ट एवं ई-बैंकिंग के माध्यम से जिला निधि में जमा कराया जायेगा तथा संबंधित जिला पंचायत के द्वारा न्यूनतम निविदादाता का पंजीकरण एक सप्ताह में अनिवार्य रूप से करते हुए तदोपरान्त निविदा की शर्तों के अनुसार जमानत आदि की धनराशि जमा कराते हुए अनुबन्ध गठित किया जायेगा। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
जिला पंचायतों द्वारा निर्माण कार्यों व अन्य कार्यों के संबंध में आमंत्रित की जाने वाली निविदाओं में उपरोक्त प्रावधानों का अक्षरशः पालन किया जाए एवं निविदा प्रकाशन के समय इन तथ्यों का उल्लेख भी किया जाए।
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