मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी किसानों को सिंचाई सुविधा की सौगात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी किसानों को सिंचाई सुविधा की सौगात

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का बुुुन्देलखण्ड एक ऐसा क्षेत्र रहा है, जहां किसानो की खेती ज्यादातर वर्षा पर निर्भर रहती थी। पठारी क्षेत्र होने के कारण भूमिगत जल नहीं मिल पाता है। इससे किसान नहरों, तालाबों, कुओं के जल से सिंचाई करते हैं। जिन क्षेत्रों में नलकूपों की बोरिंग हो सकती है, वहां सरकार द्वारा नलकूप भी लगवाये गये हैं। प्रदेश सरकार का ध्येय है कि किसानों की आमदनी बढ़े। किसानोेें की आमदनी तभी बढ़ेगी जब उनके उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो। फसल की उत्पादन बढ़ोत्तरी तभी होती है, जब किसानों को उर्वरक सहित सिंचाई के साधन उपलब्ध हों। सिंचाई ही फसल उत्पादन का मुख्य आधार होता है। इसीलिए प्रदेश सरकार किसानों को फसल की सिंचाई पर जोर देते हुए प्रदेश में नहरों, बांधों के निर्माण पर विशेष बल दिया है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की विशेष व्यवस्था की है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में गत कई वर्षो से लम्बित बांध परियोजनाओं को शीघ्र पूर्ण कराने के लिए मुख्यमंत्री ने प्राथमिकता देते हुए आवश्यक धनराशि देकर कार्य में तेजी लाई। सिंचाई विभाग द्वारा बनाये जा रहे बांध परियोजनाओं को गति प्रदान करते हुए पूर्णं कराया गया। प्रदेश सरकार ने किसानों की वर्षों की अभिलाषा पूर्ण की है। प्रदेश सरकार ने बुन्देलखण्ड में लगभग 1100 करोड रुपये की लागत से 9 लम्बित परियोजनाओं को पूर्ण करते हुए लगभग 80 हजार हेक्टेयर पर भूमि की अतिरिक्त सिंचन क्षमता बढ़ाते हुए 70 हजार से अधिक किसानों को फसलों का उत्पादन बढ़ाने हेतु सिंचाई सुविधा मुहैया कराई है।

वर्ष 2018 व 2019 में पूर्ण हुए इन बांधों से नहरों के माध्यम से आज किसानों के खेत तक पानी पहुंच रहा है और किसान अपनी खेती में हर तरह की फसल बोकर उत्पादन करते हुए अपनी आर्थिक वृद्धि कर रहे हैं। सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के अपने लक्ष्य में सफल हो रही है। बुन्देलखण्ड में वर्तमान सरकार द्वारा पूरे किये गये 9 बांध सिंचाई परियोजनाएं इस प्रकार हैं। पहाड़ी बांध परियोजनाः वर्ष 2008-09 में जनपद झाँसी में 76.67 करोड़ की मूल लागत से निर्माण शुरू किये गये इस बांध को वर्तमान सरकार ने 354.20 करोड़ की वास्तविक धनराशि व्यय करते हुए वर्ष 2018 में पूर्ण कर लिया। इस परियोजना से झांसी जनपद के 6600 कृषकों की 14575 हेक्टेयर भूमि की सिंचन क्षमता का सृजन हुआ है।

जमरार बांध परियोजनाः जनपद ललितपुर में वर्ष 2008-09 में 66.23 करोड़ की मूल लागत से शुरू हुए जमरार बांध परियोजना को वर्तमान सरकार ने 326.10 करोड़ रुपये की वास्तविक लागत में वर्ष 2018 में पूर्ण कर लिया। इस बांध के पूर्णं हो जाने से ललितपुर के मड़ावरा तहसील में 3141 हेक्टेयर भूमि के सिंचन की क्षमता बढ़ी और 2145 किसान लाभान्वित हो रहे है।

पहूंज बांध पुनरोद्धार परियोजनाः जनपद झांसी के पहूंज बांध के पुनरोद्धार का कार्य वर्ष 2009-10 में 63.53 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुआ था जिसका कार्य अधूरा रहने पर वर्तमान सरकार ने 106.84 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय करते हुए वर्ष 2018 में निर्माण पूर्ण कराया। इस कार्य के पूर्ण हो जाने से जनपद झांसी के 3368 किसान अपनी 5000 हेक्टेयर से अधिक भूमिं का सिंचन करते हुए फसलोत्पादन कर रहे है।

गुण्टा बांध रिस्टोरेशन/रिनोवेशन ऑफ़ एलाइज वर्क परियोजनाः बुन्देलखण्ड के जनपद चित्रकूट में गुण्टा बांध में रिस्टोरेशन के कार्य के लिए वर्ष 2008-09 में 3.76 करोड़ की लागत से कार्य शुरू हुआ था किन्तु कार्य पूर्ण न होने से किसानों को फायदा नहीं मिला। वर्तमान सरकार ने इस बांध के कार्य को 2018 में पूर्ण कराते हुए जनपद चित्रकुट के 17595 किसानों की 3880 हेक्टेयर भूमि का अतिरिक्त सिंचन क्षमता बढ़ाते हुए उन्हें लाभान्वित कर रही है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय पथरई बांध परियोजनाः जनपद झांसी में वर्ष 1982-83 में 3.21 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य शुरू की गई यह परियोजना वर्षों तक लम्बित रही। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लिए आवश्यक धनराशि 79.83 करोड़ आवंटित करते हुए वर्ष 2018 में पूर्ण कराया। इस बांध परियोजना से झांसी के 2998 हेक्टेयर भूमि की सिंचन क्षमता में बढ़ोतरी हुई और 4637 किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

लहचूरा बांध परियोजनाः जनपद महोबा में किसानो को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2016 -17 में 19.30 करोड़ की लागत से शुरू किये गये लहचूरा बांध परियोजना के निर्माण कार्यों में वर्तमान सरकार ने तेजी लाई और यह बांध वर्ष 2018 में पूर्ण हो गया। इस बांध के बन जाने से महोबा जनपद में 31910 हेक्टेयर भूमि के सिंचाई की क्षमता का सृजन हुआ है और इससे 13500 किसान अपनी खेती का सिंचन करते हुए फसलोत्पादन कर रहे हैं।

मौदहा बांध नहर प्रणाली की क्षमता पुर्नस्थापनाः मौदहा बांध नहर प्रणाली की नहर का निर्माण वर्ष 2016-17 में 22.65 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुआ था। जिसमें तेजी लाते हुए वर्ष 2018 में नहर प्रणाली की क्षमता के पुर्नस्थापना का कार्य पूर्ण कर लिया गया। इसके बनने से चित्रकूट (कर्वी) क्षेत्र में 5030 हेक्टेयर भूमि के सिंचन क्षमता की बढ़ोत्तरी हुई और 10500 किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं।

रसिन बांध परियोजनाः रसिन बांध परियोजना जनपद चित्रकूट में 2003-04 में 17.25 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य शुरू हुआ था किन्तु कार्य बहुत धीमी गति से हो रहा था। साथ ही विभिन्न सरकारों ने भी किसानों के हित की इस योजना में रूचि नही दिखाई। मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत हर खेत को पानी की नीति के तहत 141.64 करोड़ रुपये की वास्तविक लागत के साथ वर्ष 2019-20 में निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया। इस बांध के बनने से नहरों के माध्यम से चित्रकूट (कर्वी) में 2290 हेक्टेयर भूमि के सिंचन की क्षमता में वृद्वि हुई और 3625 किसान लाभन्वित हो रहे हंै।

जाखलौन पम्प नहर की पुर्नस्थापना परियोजनाः इस पम्प नहर के शून्य से 34.300 किमी. तक जल की क्षमता पुर्नस्थापना का कार्य वर्ष 2016 में 23.97 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुआ और 2019-20 में पूर्ण हो गया। इस परियोजना से जनपद ललितपुर की 1496 हेक्टेयर भूमि को सिंचन की क्षमता का पुर्नस्थापना हुई और 1392 किसान लाभान्वित हो रहे हैं।


रिपोर्ट- प्रवीण गर्ग

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