बोले लल्लू-बिचैलियों के हाथ गेहूं बेचने को मजबूर है किसान

बोले लल्लू-बिचैलियों के हाथ गेहूं बेचने को मजबूर है किसान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकारी क्रय केंद्र बिचैलियों व दलालों के माध्यम से संचालित हो रहे हैं। सरकारी पोर्टल पर किसानों की शिकायत का भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा। सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते गेहूं खरीद में किसानों के समक्ष भीषण संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।

सोमवार को जारी किये गये बयान में उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू नेे कहा है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की महामारी के समय सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों का गेहूं बिना तौल के भीग गया और अब क्रय केंद्र गेहूं खरीद में अनेक प्रकार की कमियां निकालकर उसे बिचैलियों के हाथों बेंचने के लिये विवश कर रहे है। क्योंकि सरकारी क्रय केंद्र बिचैलियों व दलालों के माध्यम से संचालित हो रहे हैं। सरकारी पोर्टल पर किसानों की शिकायत का भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा। क्रय केंद्रों पर फर्जी पंजीकरण कर दलालों, बिचैलियों के हिसाब से गेहूं खरीद कर किसानों का शोषण किया जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में डीएपी के दो बार दाम बढ़ाकर सब्सिडी की घोषणा किसानो के साथ किया गया छल है। उन्होंने कहा कि 2014 में 413 रुपये की मिलने वाली डीएपी की 50 किलोग्राम की बोरी में 5 किलो की कटौती पहले कर चुकी सरकार अब सब्सिडी का नाटक कर सब्सिडी पूंजीपति मित्रों के हवाले करेगी और ढिंढोरा किसानो को सब्सिडी देने का पीट रही है।

उन्होने कहा कि लखनऊ, लखीमपुर, हरदोई, सीतापुर, शाहजहांपुर, बरेली, रायबरेली, बाराबंकी सहित प्रदेश के अनेक जिलों में सरकारी क्रय केंद्रों पर कई-कई दिन ट्रैक्टर-ट्रालियों पर किसान अपने गेंहू तौल की प्रतीक्षा करते हैं।

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