किसानों की मौज- हाईवे के लिए जमीन देने वालों को टोल टैक्स में हिस्सा

किसानों की मौज- हाईवे के लिए जमीन देने वालों को टोल टैक्स में हिस्सा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से की जा रही अभिनव पहल के अंतर्गत स्टेट हाईवे के चौड़ीकरण को लेकर अपनी जमीन देने वाले किसानों को भी अब टोल टैक्स में साझीदार बनाया जा रहा है। स्टेट हाईवे के किनारे किसानों की जमीन पर अब जो भी व्यावसायिक एवं आवासीय इलाके विकसित किए जाएंगे उनकी कमाई का भी एक हिस्सा किसानों को पुनर्वास के तौर पर वापिस किया जाएगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा पीडब्ल्यूडी के बीच स्टेट हाईवे के चौड़ीकरण के लिए अपनी जमीन देने वाले किसानों को वाहन चालको से वसूले जाने वाले टोल टैक्स में साझीदार बनाने को लेकर सहमति बन चुकी है। यह प्रयोग आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के निर्माण के दौरान इस्तेमाल किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश में पहले चरण में अब स्टेट हाईवे को शामिल किया जा रहा है, जिनका पीसीयू यानी पैसेंजर कार यूनिट 20000 प्रतिदिन से अधिक है।

इस नियम के मुताबिक उत्तर प्रदेश में तकरीबन स्टेट 21 स्टेट हाईवे का चयन किए जाने की संभावनाएं बन रही है। इन हाईवे के चौड़ीकरण एवं विकास के लिए कुल 60 मीटर चौड़ाई में जमीन किसानों से ली जाएगी। 30 से 45 मीटर चौड़ाई में इन स्थानों पर जमीन फिलहाल उपलब्ध है। केंद्र सरकार की ओर से इनके चयन को मंजूरी मिलने के बाद इन्हें सुपर हाईवे स्टेट का दर्जा दिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग की ओर से इन हाईवे को चिन्हित करने का काम भी शुरू कर दिया गया है।

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