मोटर ड्राइविंग स्कूल के गोरखधंधे पर लगेगी लगाम- जिलों से तलब की रिपोर्ट

लखनऊ। एक अथवा दो कमरों में अपना दफ्तर खोलकर उसके बाहर ड्राइविंग स्कूल का बोर्ड लगाकर चांदी काटने वाले स्कूल अब जल्द ही बंद हुए दिखाई देंगे। क्योंकि सरकार की ओर से बगैर वाहन और बगैर प्रशिक्षक के संचालित किए जा रहे मोटर ड्राइविंग स्कूल के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है। सुविधाओं में कमी मिलने पर ऐसे मोटर ड्राइविंग स्कूलों का लाइसेंस निलंबित किया जाएगा। सभी मोटर ड्राइविंग स्कूलों का भौतिक निरीक्षण करके 15 दिनों के भीतर शासन द्वारा जनपदों से रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर अत्यंत गंभीर है। जिस तरह से आए दिन सड़कों पर हादसे हो रहे हैं, वह मोटर ड्राइविंग स्कूलों उपयोगिता पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। परिवहन आयुक्त एम वेंकटेश्वर लू ने सभी उप परिवहन आयुक्त को अब आदेश दिया है कि वह अपने इलाके के मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों का भौतिक निरीक्षण करें। उत्तर प्रदेश में तकरीबन 12 सौ से अधिक मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से अनेक स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने उप परिवहन आयुक्त से लाइसेंस ले रखा है, किंतु उनके पास योग्य प्रशिक्षक की बात तो अलग ड्राइविंग सिखाने के लिए मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। उधर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहा है कि वह फर्जी संचालित ड्राइविंग स्कूलों की जांच करके उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करें।