किसान आंदोलन-आखिरी सांस तक लड़ेंगे और जीतेंगे-राकेश

किसान आंदोलन-आखिरी सांस तक लड़ेंगे और जीतेंगे-राकेश

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के शनिवार को 100 दिन पूरे हो गए हैं। किसान आंदोलन के 100 दिन होने पर जहां किसान अपने हाथों में काली पट्टियां बांधकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी ओर किसानों द्वारा केएमपी एक्सप्रेस-वे के यातायात को जाम करने की तैयारियां की जा रही है।

शनिवार को किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को समर्थन देने के लिए किसानों का दिल से आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन समाधान तक. आखिरी सांस तक. संघर्ष चलेगा और हम जीतेंगे।

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन की रणनीति बना रहे भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने शनिवार की सवेरे ट्वीट करते हुए लिखा है कि किसान संघर्ष के 100 दिन. समाधान तक. आखिरी सांस तक. संघर्ष करेंगे. लड़ेंगे और जीतेंगे। इस दौरान भाकियू नेता चौधरी राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए किसान नेताओं के साथ देशभर के किसानों का आभार भी जताया है। गौरतलब है कि नये कृषि कानूनों के विरोध में देश के किसान संयुक्त किसान संघर्ष समिति के बैनर तले इकटठा होकर राजधानी दिल्ली के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बाॅर्डर पर धरना प्रदर्शन करते हुए नये कृषि कानूनों को वापिस लिये जाने की मांग कर रहे है।

आरंभ में उम्मीद थी कि सरकार जल्द ही कानूनों की बात को मान लेगी और धरना व किसानों का आंदोलन खत्म हो जायेगा। आंदोलन के समाधान के लिए सरकार और किसान नेताओं के बीच कई बार बातचीत के लिए बैठकें भी हुई, लेकिन दोनों पक्षों के अपनी-अपनी बात पर अडे रहने से समाधान नही हो सका। बीती 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और एतिहासिक लालकिले पर धर्म ध्वज फहराये जाने की घटना के बाद किसान आंदोलन पर खतरें के बादल मंडराने लगे थे। लेकिन भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत द्वारा रोते हुए भारी मन से किसानों से की गई मार्मिक अपील के बाद आंदोलन में नई जान आ गई।

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