खादी ग्रामोद्योग में बने उत्पाद ही त्योहारों में उपहार में दें - मोदी

खादी ग्रामोद्योग में बने उत्पाद ही त्योहारों में उपहार में दें - मोदी

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देशभर के लोगों से इस बार आगामी त्योहारों में खादी ग्रामोद्योग में बने उत्पाद ही अपने प्रियजनों को उपहार में देने की अपील की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट पर खादी उत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के खादी उद्योग की बढ़ती ताकत के पीछे भी महिला शक्ति का बहुत बड़ा योगदान है। उद्यमिता की भावना हमारी बहनों-बेटियों में कूट-कूट कर भरी है। इसका प्रमाण गुजरात में सखी मंडलों का विस्तार भी है। उन्होंने कहा कि खादी सस्टेनेबल क्लोथिंग का उदाहरण है। खादी इको-फ्रेंडली क्लोथिंग का उदाहरण है। खादी से कार्बन फुटप्रिंट कम से कम होता है। बहुत सारे देश हैं, जहां तापमान ज्यादा रहता है, वहां खादी हेल्थ की दृष्टि से भी बहुत अहम है। इसलिए खादी वैश्विक स्तर पर बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा," मैं देशभर के लोगों से एक अपील भी करना चाहता हूं। आने वाले त्योहारों में इस बार खादी ग्रामोद्योग में बना उत्पाद ही उपहार में दें। आपके पास अलग-अलग तरह के फैब्रिक से बने कपड़े हो सकते हैं। लेकिन उसमें आप खादी को भी जगह देंगे तो 'वोकल फॉर लोकल' अभियान को गति मिलेगी। बीते दशकों में विदेशी खिलौनों की होड़ में, भारत की अपनी समृद्ध टॉय इंडस्ट्री तबाह हो रही थी। सरकार के प्रयास से, खिलौना उद्योगों से जुड़े हमारे भाई-बहनों के परिश्रम से अब स्थिति बदलने लगी है। अब विदेश से मंगाए जाने वाले खिलौनों में भारी गिरावट आई है।

"उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य खादी को लोकप्रिय बनाना, खादी उत्पादों के बारे में जागरुकता पैदा करना और युवाओं में खादी के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस मौके पर उत्सव राज्य के विभिन्न जिलों से 7500 महिला खादी कारीगर ने एक ही समय और एक ही स्थान पर चरखा कताई की। कार्यक्रम में 1920 के दशक से उपयोग की जाने वाली विभिन्न पीढ़ियों के 22 चरखाओं को प्रदर्शित करते हुए 'चरखाओं के विकास' की एक प्रदर्शनी भी थी। इसमें 'यरवदा चरखा' जैसे चरखे शामिल थे, जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस्तेमाल किए गए चरखाओं का प्रतीक है। पांडुरु खादी के उत्पादन का लाइव प्रदर्शन भी किया गया।

वार्ता

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