नए सिरे से बनाया जायेगा खाद्य प्रसंस्करण नीति को सुविधाजनक: मौर्य

नए सिरे से बनाया जायेगा खाद्य प्रसंस्करण नीति को सुविधाजनक: मौर्य

आगरा। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि राज्य में उद्योगों एवं व्यापारियों की समस्याओं के निदान के लिए शीघ्र ही सिंगल विंडो सिस्टम शुरू करने के अलावा नये सिरे से खाद्य प्रसंस्करण नीति 2022 बनेगी, जिससे अधिक से अधिक उद्यमी, किसान और उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।

मौर्य ने बुधवार को यहां भारतीय कोल्ड स्टोरेज संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि शीतगृह स्वामी ग्रामसभा स्तर पर इस प्रकार छोटी-छोटी व्यवस्था करें जिससे किसानों के फल और सब्जी की रक्षा हो सके। उन्होंने कहा कि अभी भी एक लाख करोड़ रुपये की ऐसी कृषि उपज है, जो कोल्ड चेन की व्यापक उपलब्धता और प्रोसेसिंग के अभाव में खेतों में बर्बाद हो रही है। इसे रोका जाना जरूरी है। यह पैसा किसानों को मिलेगा तो प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था समृद्ध होगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब प्रदेश में सुरक्षा, विकास, संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर की दृष्टि से उद्योगों के लिए अच्छा माहौल है। उन्होंने वेयरहाऊसिंग विकास एवं नियामक प्राधिकरण (डब्लूडीआरए) में पंजीकरण का प्रावधान होने के बावजूद शीतगृहों के पंजीकरण न होने पर चिंता जताई और कहा कि इस समस्या को भी सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से दूर किया जायेगा।

इस माैके पर संगठन के अध्यक्ष राजेश गोयल और संयोजक अरविंद अग्रवाल ने उपमुख्यमंत्री को शीत गृह उद्योग से जुड़ी छह सूत्री मांगों का एक ज्ञापन सौंपा। इस पर मौर्य ने कहा कि संगठन के पदाधिकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ लखनऊ आयें, वहां अधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी हर समस्या का त्वरित समाधान कराया जायेगा।

सम्मेलन के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात सहित अन्य राज्यों ने आलू सहित अन्य उत्पादों के भंडारण की स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की। पंश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि राजेश बंसल ने बताया कि उनके राज्य में आलू का भंडारण 77 फीसदी है। इसमें 25 फीसदी आलू अन्य राज्यों से लाकर रखा गया है।

वार्ता

epmty
epmty
Top