जिला आपदा प्रबंधन सलाह जारी कर पूरा कर रहा अपना दायित्व

जिला आपदा प्रबंधन सलाह जारी कर पूरा कर रहा अपना दायित्व

हापुड़। उत्तर भारत में पड रही हाड़कपाती ठंड इंसान के साथ-साथ पशु पक्षियों को भी चैन नहीं लेने दे रही है। नागरिक किसी तरह से आग आदि के जरिए ऊष्मा प्राप्त कर अपनी दिनचर्या को आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे हालातों में जिला आपदा प्रबंधन ठंड के सितम से बुरी तरह कर्राह रहे लोगों को सलाह जारी करते हुए अपने दायित्व की पूर्तियों में लगा हुआ है।

सोमवार को जिला आपदा प्रबंधन दफ्तर की ओर से जारी की गई सलाह में कहा गया है कि जनपद हापुड़ में न्यूनतम तापमान बेहद कम होने के कारण वातावरण में गलन बढ़ गई है और ऐसी स्थिति में ठंड लगने की संभावना काफी अधिक हो गयी है। इसलिए जितना हो सके घर में रहे, गर्म कपड़े पहने, ठंडे पानी से सीधे स्नान मत करें, ठंडा पानी सीधे सर पर ना गिराए।

आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि पहले हाथ पैर धोये और सबसे अंत में सर पर पानी गिराए। बच्चों को बाहर खेलने से बिल्कुल रोक दें, किसी भी सार्वजनिक स्थानो पर हों तो कोविड-19 के नए स्वरूप से भी सुरक्षित रहें, गुनगुना पानी एवं अधिक से अधिक गर्म पेय पदार्थ का सेवन करें, बासी भोजन बिल्कुल ना करें।

किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्तिथि पर तत्काल अस्पताल जाएं और चिकित्सकों की सलाह लें।

सावधान

इस मौसम में हो सकती हैं ये बीमारियां हाइपोथर्मियारू इसमें शरीर का तापमान ज्यादा कम हो जाता है। यह स्थिति ठंडके कारण होती है। इसमें व्यक्ति धीमी और जल्दी जल्दी सांस लेता है औरउसका चेतना का स्तर कम होता जाता है। व्यवहार व्यक्ति का आक्रामक होनेलगता है, काम में गड़बड़ी होने लगती है, आवाज भी स्पस्ट नहीं होती है। तुषार उपघात (तिवेज-इपजम)रू शीतलहर में रहने से त्वाचा के उत्तकों की क्षति होने लगती है। इससे शरीर के प्रभावित क्षेत्र में छाले और फफोले होसकते हैं। क्षति गंभीर होने पर अंग को काटने की भी नौबत आ सकती है।

फ्रास्टनिप (तिवेजदपच)रू

शीतलहर में अधिक रहने से त्चचा सुन्न हो जाती है।उसका रंग नीला और सफेद हो जाता है। सामान्यतरू चेहरा अथवा अंगुलियों केआगे के हिस्से प्रभावित होते हैं। ऐसे में उस भाग को गर्म करें , ठीकहोने लगेगा। कुछ देर में त्वचा का रंग पहले जैसा हो जाएगा।

बचाव के उपाय

1- बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें।

2- ऐसे मरीज को गर्म स्थानों पर ले जाएं।

3-उसके शरीर को गर्म कपड़ों में लपेटें।

4 - मरीज को हर 15 मिनट बाद गर्म पानी या सूप पीने को दें।

5 - मरीज चेतन अवस्था में है तो उसे थोड़ा खाना भी दें।

6- मरीज बेहोश होने लगे और होश में शीघ्र नहीं आता है तो उसे तुरंत हास्पीटल में भर्ती करायें।

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