एससी की फटकार-गाजीपुर बॉर्डर से उखडने लगे किसानों के तंबू डेरे

एससी की फटकार-गाजीपुर बॉर्डर से उखडने लगे किसानों के तंबू डेरे

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाई गई फटकार के बाद महीनों से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर धरना दिए बैठे किसानों ने सर्विस रोड से अपने डेरे तंबू उखाड़ने शुरू कर दिए हैं। कोर्ट के आदेशों के बाद इन्हें हटाने पहुंची पुलिस को देखते ही किसानों ने सर्विस रोड पर बनाई गई अपनी झोपड़ी को हटाना शुरू कर दिया है। इस बीच भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों ने रास्ता नहीं रोक रखा है बल्कि दिल्ली सरकार ने सड़क को बंद किया हुआ है। किसानों ने सर्विस रोड से बैरिकेडस भी हटाने शुरू कर दिये है।

बृहस्पतिवार को महीनों से गाजीपुर बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन चलाते हुए सड़क पर कब्जा जमाए बैठे किसानों ने सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद सर्विस रोड से अपने डेरे तंबू उखाड़ने शुरू कर दिए हैं। किसानों ने सर्विस रोड पर बनाई गई अपनी झोपड़ी को हटा दिया है। उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बाद दिल्ली पुलिस आज इसे हटाने के लिए पहुंची थी। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि रास्ता हमने नहीं बल्कि दिल्ली सरकार ने रोक रखा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट की ओर से आज कहा गया है कि किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन वह सड़क नहीं रोक सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट की इस बात पर राकेश टिकैत ने कहा है कि सड़क का रास्ता किसानों ने नहीं बल्कि दिल्ली सरकार की ओर से बंद किया हुआ है। इतना कहते हुए राकेश टिकैत और उनके समर्थकों ने सड़क पर लगाए गये बैरिकेडस को हटाना शुरू कर दिया। किसान यूनियनों से सड़क पर विरोध कर रहे किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस के कौल ने कहा है कि सड़के क्लियर होनी चाहिए। हम बार-बार कानून तय करते हुए नहीं रह सकते हैं। किसानों को आंदोलन करने का अधिकार है, मगर सड़क को अनिश्चितकाल के लिए ब्लॉक नहीं किया जा सकता है। अब कुछ समाधान निकालना होगा हमें सड़क जाम के मुद्दे से समस्या है।

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