संवाद की राह पर केजरीवाल

संवाद की राह पर केजरीवाल

नई दिल्ली। जनप्रतिनिधियों का जन से संवाद रहना जनतंत्र के लिए जरूरी होता है। चुनाव के समय नेता जनता के बीच जाते जरूर हैं लेकिन उनका मकसद उस समय वोट प्राप्त करना होता है। चुनाव के बाद जीतें या हारें, नेताओं का आम जनता से संवाद भंग हो जाता है। उनके साथ कुछ लोग ही रहते हैं जिनका काम खुद का स्वार्थ साधन और नेता जी को भी लाभ पहुंचाने का होता है। अब नेताओं की चैपालें लगने लगी हैं । वहां कुछ लोग अपनी समस्या बताते भी हैं लेकिन आम जनता से उसके प्रतिनिधि, चाहे वे विधान सभा के सदस्य हों अथवा लोकसभा के, जनता से निरंतर संवाद में रहना चाहिए। इस परम्परा को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पुनर्जीवित करना चाहते हैं। इसी क्रम में वह दिल्ली के व्यापारियों से संवाद स्थापित करेंगे।

कोरोना वायरस ने कई तरह के प्रभाव छोडे हैं। अस्वस्थता के साथ रोजी रोजगार भी प्रभावित हुआ है। व्यापार पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। केजरीवाल चाहते हैं कि दिल्ली के व्यापारियों के दर्द को सुना जाए और उसका समाधान भी किया जाए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल्द ही राजधानी के सभी व्यापारियों के साथ व्यक्तिगत रूप से बातचीत करेंगे। इस चर्चा का उद्देश्य कोविड-19 महामारी के दौर में व्यापारियों के सामने आने वाली चुनौतियों को जानना-समझना है। साथ ही दिल्ली की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के उपायों पर योजना बनाना है। यह बातचीत डिजिटल संवाद के माध्यम से 23 अगस्त को शाम चार बजे आयोजित की जाएगी। इसके लिए सभी विवरणों के साथ एक पंजीकरण लिंक मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा साझा किया गया था। इस संवाद में व्यापारियों को सीएम केजरीवाल को अपने सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया है। डिजिटल संवाद में हिस्सा लेने के लिए व्यापारियों को 22 अगस्त को शाम चार बजे तक अपना पंजीकरण करने और 23अगस्त को संवाद के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने सुझावों को संक्षेप में बताने के लिए कहा गया है।

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा कोविड-19 महामारी के बीच दिल्ली की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने और कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के लिए की जा रही पहल की एक श्रृंखला है। हाल ही में, सीएम केजरीवाल ने विभिन्न उद्योग संघों के साथ बातचीत की थी, ताकि उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की जा सके और कोरोना काल में दिल्ली की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उपायों पर चर्चा की जा सके. बैठक का उद्देश्य उद्योगपतियों के सामने आ रही चुनौतियों पर चर्चा करना था, जिनके कारखाने और व्यवसाय कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण बंद हो गए थे। दिल्ली की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा कई अन्य निर्णय पहले ही लिए जा चुके हैं- जैसे कि दिल्ली में डीजल की कीमतों को कम करना, कोविड अस्पतालों से होटलों को अलग करना, ताकि वो सामान्य रूप से काम करना शुरू कर सकें, स्ट्रीट हॉकर्स और साप्ताहिक बाजारों को अपना काम शुरू करने की अनुमति देना आदि। इसी के साथ दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पाॅलिसी को मंजूरी दी गई और नौकरी चाहने वालों और नौकरी देने वालों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए दिल्ली रोजगार बाजार पोर्टल की शुरूआत की गई। बीते 27 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑनलाइन जॉब पोर्टल दिल्ली रोजगार बाजार लॉन्च किया था, जिसमें अब तक साढ़े आठ लाख से अधिक जाॅब पोस्ट की जा चुकी हैं, साथ ही पोर्टल पर लगभग 10 लाख नौकरी चाहने वालों ने पंजीकरण किया है।

अब मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल चाहते हैं कि दिल्ली मॉडल के साथ सरकार कोई नीतिगत पहल कर सके। दिल्ली में व्यापारियों का समुदाय पंद्रह लाख से अधिक है और यह राज्य के आर्थिक ढांचे की रीढ़ है। लॉकडाउन के प्रभाव और कोरोना वायरस के फैलने के डर की वजह से बाजारों और दुकानों में बिक्री और सेवा कार्य प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन के दौरान कई दुकानदारों ने अपने कर्मचारियों की संख्या कम कर दी और सीमित बिक्री के साथ मानसिक दबाव का भी सामना किया। इस डिजिटल संवाद से यह सुनिश्चित होगा कि सभी हितधारकों की आवाज को सुना जाए, ताकि दिल्ली माॅडल के तहत दिल्ली सरकार कोई नीतिगत पहल कर सके। दिल्ली के व्यापारिक संगठनों ने भी मुख्यमंत्री केजरीवाल की इस पहल का स्वागत किया है और उनके द्वारा कोविड की रोकथाम के प्रयासों की सराहना की है, जिसमें दिल्ली की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अब तक की गई कई पहल शामिल हैं।

दिल्ली ही नहीं पूरे देश में जनता से संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच आम आदमी पार्टी पूरे देश में गांव-गांव जाकर ऑक्सीमीटर बांटने की तैयारी कर रही है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सभी प्रदेश संयोजकों और पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की थी। इस दौरान उनसे सभी शहर और गांवों के बूथों पर 'आम आदमी पार्टी ऑक्सीजन जांच केंद्र' बनाने के निर्देश दिए गए। केजरीवाल ने पार्टी के नेताओं से कहा कि आम आदमी पार्टी के वालेंटियर्स घर-घर जाकर लोगों के ऑक्सीजन लेवल की जांच करें. जिससे कोरोना से होने वाली मौत को कम किया जा सके। इस काम के लिए देश के सभी गांव और शहर में बूथ बनाकर आम आदमी पार्टी ऑक्सीजन जांच केंद्र स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि जहां पार्टी का संगठन नहीं है, वहां पदाधिकारियों को गांव में एक-एक व्यक्ति तलाशना होगा, जो अपने गांव में ऑक्सीजन जांच केंद्र बनाएगा। उसे ऑक्सी मित्र कहा जाएगा। उन्होंने पदाधिकारियों को स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से हर गांव में जाकर बात करनी होगी और टीम तैयार करनी होगी। यह बहाना नहीं चलेगा कि उनकी गांव में जान-पहचान नहीं है। केजरीवाल ने देश के सभी प्रदेश संयोजकों और पदाधिकारियों को अपने राज्य का प्लान बनाकर भेजने को कहा है।

केजरीवाल कहते हैं कि कई राज्यों के अंदर कोरोना की जांच रिपोर्ट आने में समय लग जाता है. ऐसे मामलों में हम लोग तुरंत ऑक्सीजन की जांच करके देख सकते हैं कि ऑक्सीजन का स्तर कम तो नहीं है। अगर ऐसा रहा तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करनी होगी. सामान्य तौर पर एक व्यक्ति में ऑक्सीजन का स्तर 95 होना चाहिए. इस तरह से हम अधिकतर इलाकों में, ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाने में कामयाब हो पाएंगे।

ऑक्सीमीटर के जरिए आम आदमी पार्टी अपने संगठन को गांव-गांव मजबूत करने की कवायद भी तेज कर रही है। केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से कहा कि ऑक्सीमीटर की मदद से देश के हर गांव में आम आदमी पार्टी का एक संगठन तैयार होगा। देश के हर गांव और बूथ के अंदर आम आदमी पार्टी की यह गतिविधि चलती है, तो लोगों में एक संदेश जाएगा कि

कोई ऐसी पार्टी भी है, जो लोगों की सेवा करती और उनके सुख-दुख में काम आती है. इस प्रक्रिया के जरिए हम देश के कोने-कोने में आम आदमी पार्टी का संगठन खड़ा कर सकते हैं। (अशोक त्रिपठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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