यूपी में सभी किसानों का बनेगा क्रेडिट कार्ड

यूपी में सभी किसानों का बनेगा क्रेडिट कार्ड

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री किसान योजना के सभी लाभार्थियों को 15 अप्रैल तक अभियान चलाकर किसान क्रेडिट कार्ड देने के निर्देश दिए हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि प्रदेश सरकार किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। विभिन्न योजनाओं के बेहतर उपयोग, अवस्थापना से संबंधित गैप्स को पूरा करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसानों के लिए 27 विभागों को एक साथ जोड़ा गया है। पीएम किसान योजना के सभी लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ने के लिए कृषि विभाग की ओर से जिलों में अभियान चलाकर किसानों के प्रार्थना पत्र वित्तीय संस्थाओं को दिए हैं, लेकिन कोरोना संकट के चलते सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड नहीं दिया जा सका। जिसका संज्ञान लेते हुए अब गांव-गांव में अभियान चलाकर किसानों के क्रेडिट कार्ड बनाया जा रहा है।

पैक्स के सदस्य किसानों को भी उनका केसीसी जिला सहकारी बैंकों से सीधे बनवाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव कृषि ने प्रदेश के सभी डीएम, सीडीओ और डिप्टी डायरेक्टर कृषि को पत्र जारी किए हैं, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री किसान योजना के सभी लाभार्थियों का कृषि विभाग के कर्मचारी शत प्रतिशत सत्यापन कराते हुए सभी इच्छुक लाभार्थियों का किसान क्रेडिट कार्ड भरवाने के निर्देश दिए हैं। यह सत्यापन 15 अप्रैल तक चलेगा।

सूत्रों ने बताया कि प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना भी जल्द शुरू करने वाली है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2021-2022 के बजट में 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। योजना में प्रदेश के हर एग्रो क्लाईमेटिक जोन में अधिक होने वाली फसलों का चिह्नीकरण, कृषि के लिए नई तकनीक और निवेश को बढ़ावा, चयनित उत्पादों का मूल्य संवर्धन, विपणन के लिए बाजार तैयार करने और हर ब्लॉक स्तर पर कृषक उत्पादन संगठनों की स्थापना करने की योजना है।

उन्होने बताया कि पराली की समस्या को देखते हुए प्रदेश के कई जिलों में बायोमास प्लांट लगाने की तैयारी है। फिलहाल, तीन जिलों बहराइच, बागपत और फैजाबाद में यह प्लांट लगा दिया गया है और इससे तैयार होने वाले पैलेट्स की सप्लाई भी एनटीपीसी ऊंचाहार को की जा रही है। इससे एक तरफ पराली की समस्या का निदान हो रहा है। साथ ही किसानों को आमदनी भी हो रही है।

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